छूटे हुए लोगों को आशा रेणुका बाला ने खिलाई सर्वजन दवा

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  • गाँधी मैदान, डायट सेंटर, फुटपाथ दुकानदाऱ मोतिझील के 1225 लोगों ने खाई सर्वजन दवा 
  • फाइलेरिया बीमारी से बचाव का एक सफल प्रयास- मॉप अप राउंड 
मोतिहारी।  शहर के गाँधी मैदान, डायट सेंटर, फुटपाथ दुकानदाऱ, मोतीझील के 1225 लोगों ने खाई सर्वजन दवा।
मॉप अप राउंड के दौरान छूटे हुए लोगों को फाइलेरिया बीमारी से बचाव का एक सफल प्रयास करते हुए “आशा रेणुका बाला” ने खिलाई सर्वजन दवा। आशा ने बताया की आज गाँधी मैदान में शौर्य वेदनाम कार्यक्रम में हजारों लोग इकट्ठा है यह मेरे लिए एक अवसर है की मैं इस मौके का उपयोग करते हुए शहरवासियों को सर्वजन दवा का सेवन कराकर सुरक्षित कर रहीं हूं। रेणुका बाला ने कहा की पिछले साल भी घूमघूमकर 13 हजार से ज्यादा लोगों को दवा सेवन कराई जिनमें कुछ ऐसे भी लोग थें जिनमे दवा सेवन के बाद उल्टी, बुखार जैसी हल्की समस्या हुई, जिसके बाद ओआरएस घोल देने के बाद सभी ठीक हो गए। अब वे लोग ही कहते है की इस बार भी मुझे दवा खिलाए, आज मैंने फाइलेरिया मरीज के साथ ही 600 से ज्यादा लोगों को दवा खिलाई हुँ। मैं नहीं चाहती की हाथी पाँव जैसे गंभीर बीमारी का मेरे शहर के निवासी शिकार हो, इसलिए राउंड समाप्त होने के बाद भी यूपीएचसी छतौनी के नोडल पदाधिकारी सह प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शिवम कुमार के आदेशानुसार दवा का सेवन करा रहीं हूं। पंचमंदिर तेलियापट्टी चौक की 60 वर्षीय फाइलेरिया मरीज सीता देवी को दवा खिलाया गया। फुटपाथ दुकानदार संघ के कोषाध्यक्ष राजा जायसवाल ने दवा खाकर दुकानदार लोगों को दवा सेवन हेतु प्रेरित किया। दवा सेवन कार्यक्रम में पिरामल के सुमित कुमार, विकास कुमार वर्मा का भी योगदान रहा।
फाइलेरिया होने पर इलाज सम्भव नहीं, अतः दवा सेवन जरूरी:
डीभीडीसीओ शरत चंद्र शर्मा धर्मेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए कहा की व्यक्ति को एक बार (हाथीपांव) फाइलेरिया होने पर इसका इलाज सम्भव नहीं, अतः ज़ब सरकार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाए तो दवा का सेवन अवश्य करें हाथीपांव से बचाव को इसका सेवन जरूरी है।वहीं भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया की मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया होता है जिसके लक्षण शुरू में स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। इसके लक्षण आने में कभी कभी सालों लग जाते है। प्रायः फाइलेरिया मरीजों में बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथीपांव और  अंडकोषों की सूजन, फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इससे बचाव के लिए विभाग द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाता है। जिसमें डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है।
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