गया के बोधगया प्रखंड सह अंचल कार्यालय में एक जमीन की दाखिल खारिज के लिए आवेदन दिया गया।जमीन के दस्तावेजों पर संदेह होने पर अंचलाधिकारी ने कार्रवाई की है। संदेह तब हुआ की जमीन बोधगया प्रखंड के जानपुर में है और जमीन की रजिस्ट्री कोलकाता निबंधन कार्यालय से कराई गई और दाखिल खारिज के लिए उसका आवेदन बोधगया अंचल कार्यालय में दी गई। तत्कालीन अंचलाधिकारी ने आवेदन प्रियव्रत पंडित और अखिलेश कुमार के विरुद्ध बोधगया थाना में 335/24 प्राथमिकी दर्ज कराया है।11 जुलाई को दोनों के विरुद्ध धारा 467,468,420 और 34 आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।बोधगया अंचल कार्यालय के द्वारा कोलकाता निबंधन कार्यालय से संबंधित जमीन का दस्तावेज के बारे में जानकारी मांगी गई।जिसमें स्पष्ट किया की यह डिक्लरेशन डीड है न की सेल डीड।इसके पीछे रियल स्टेट कारोबारी मारुति मयंक का हाथ।इसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर कोर्ट में दाखिल किया गया।जिस पर कोर्ट ने 3 सप्ताह के अन्दर स्टाम्प ड्यूटी के साथ आवेदक से लेने का आदेश दिया है ।बोधगया अंचल कार्यालय के एक कर्मी ने इस मामले पर अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस मामले का मास्टर माइन मारुति मयंक है जो रियल स्टेट का कारोबार करता है।जिसके द्वारा बोधगया के सरकारी जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा करने का कार्य करता है।चुकी इसी जमीन को पहले किसी और के द्वारा रजिस्ट्री का दस्तावेज अंचल कार्यालय में दिया गया था।जिसे फर्जी घोषित करने के बाद फिर उसी जमीन को किसी प्रियव्रत पाण्डेय के नाम से रजिस्ट्री होने का दस्तावेज पर दाखिल खारिज कराने के लिए आवेदन मिला है।अंचलाधिकारी ने दाखिल खारिज को रिजेक्ट कर दिया है।फर्जी केवाला और दस्तावेज के आधार पर करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है।
