- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने को डीएम ने की समीक्षात्मक बैठक
- कृमि संक्रमण से बच्चों में कुपोषण और खून की कमी होती है
मोतिहारी। जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आगामी 22 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अवसर पर पूर्वी चम्पारण जिलांतर्गत लगभग 30 लाख बच्चों (01 से 19 वर्ष तक के ) को सभी निजी एवं सरकारी स्कूलों/ आंगनबाड़ी केन्द्रों /एवम तकनीकी संस्थाओं में अल्बेंडाजोल की दवा निःशुल्क खिलाई जाएगी।
गैर पंजीकृत और स्कूल न जाने वाले बच्चों को भी यह दवा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर खिलाई जाएगी। वहीं जो बच्चे छूट जाएंगे उन्हें मॉप -अप दिवस 27 सितंबर को दवाई जरूर खिलाएं ।
इस प्रकार खिलानी है दवा :
सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि एक से दो वर्ष के बच्चे को आधी दवाई खिलाएं। दवाई को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूर कर साफ पानी में मिलाकर खिलाएं । वहीं दो से पांच वर्ष के बच्चों को एक पूरी दवा खिलाएं। दवाई को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूर कर साफ पानी में मिलाकर ही खिलाएं। पांच से 19 साल के बच्चें को एक गोली खिलाएं। हमेशा दवाई अच्छी तरह से चबाकर खाने का निर्देश दें । ऐसा न करने से दवाई गले में अटक सकती है। साफ पीने का पानी उपलब्ध रखें ।
कृमि संक्रमण से बच्चों में कुपोषण और खून की कमी होती है:
डीआईओ डॉ शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि कृमि संक्रमण से बच्चों में कुपोषण और खून की कमी होती है। जिसके कारण हमेशा थकावट रहती है। शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है। कृमि संक्रमण की रोकथाम आसान है। आसपास सफाई रखें। जूते पहनें व खुले में शौच न करें। हमेशा शौचालय का प्रयोग करें। अपने हाथ साबुन से धोएं। विशेष कर खाने से पहले और शौच जाने के बाद। साफ पानी से फल एवं सब्जियां धोएं। हमेशा साफ पानी पीएं और खाने को ढक कर रखें। नाखून साफ और छोटे रखें ।
जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस विभाग, जीविका आपस में समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम को सफल बनाना सुनिश्चित करेंगे।
इस अवसर पर सिविल सर्जन, डीआईओ , जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा, डीपीओ, आईसीडीएस ,परियोजना प्रबंधक जीविका, यूनिसेफ ,डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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