नेपाल एक बार फिर भूकंप से दहल गया है. 6.4 की तीव्रता से आए भूकंप से नेपाल में भारी तबाही मची है. एक दर्जन से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है. पश्चिमी नेपाल में आए इस तेज झटके में नालगड़ म्यूनिसिपलिटी की डिप्टी मेयर समेत 154 लोगों की मौत हो गई है. जाजरकोट और पश्चिमी रुकुम में सबसे ज्यादा तबाही मची है. देर रात आए तेज झटके उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पटना, झारखंड और बिहार तक में महसूस किए गए.
भूकंप के झटके महसूस करते ही लोग अपने घरों से निकलकर सड़क पर आ गए, अफरा-तफरी मच गई. जाजरकोट जिले के पुलिस उपाधीक्षक संतोष रोका ने कहा कि जाजरकोट में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. रोका ने बताया कि मृतकों में नलगढ़ नगर पालिका की उपमहापौर सरिता सिंह भी शामिल हैं.
नेपाल में तबाही की चपेट में आए लोगों की मदद के लिए स्थानीय लोग पहुंचे. भूकंप का केंद्र जाजरकोट में था जहां कमोबेश 92 लोगों की मौत हुई है. पश्चिमी रुकुम में भी भारी तबारी मची, जहां 62 लोगों की जान चली गई. कमोबेश 150 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. घायल लोगों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
भूकंप के झटके नेपाल के जाजरकोट जिले में भेरी, नालगड़, कुशे, बेरकोट और छेडागड़ में महसूस किए गए, जहां हर तरफ तबाही मच गई. जिले की पूरी मशीनरी को लोगों की मदद के लिए, रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लगाया गया है.
इससे पहले 22 अक्टूबर को सुबह 7:39 बजे काठमांडू घाटी और आसपास के जिलों में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था. इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ. नेपाल में भूकंप आम हैं, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं और हर सदी में एक-दूसरे के करीब दो मीटर आगे बढ़ती हैं, जिसकी वजह से दबाव बनता है जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं. 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों ने लगभग 9,000 लोगों की जान ले ली. नेपाल ऐसा 11वां देश है जहां सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं.
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