- 17 माह की होने के बाद भी बैठने में थी असमर्थ
- इलाज के बाद अब बैठ सकती है कीर्ति
- एक माह में बढ़ा 770 ग्राम वजन, किया गया डिस्चार्ज
- अप्रैल से नवंबर तक 52 बच्चे भर्ती होकर हुए स्वस्थ
- आरबीएसके के चिकित्सक निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका
- कुपोषित बच्चों को मिलती है निःशुल्क भोजन, दवा व इलाज
- बच्चे के साथ उसके माँ को दी जाती है दैनिक भत्ता
बेतिया : जिले के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए नरकटियागंज का “पोषण पुनर्वास केंद्र” किसी वरदान से कम नहीं है। जिले के पिपरासी प्रखंड के परसौनी ग्राम की कुपोषित बच्ची कीर्ति (पिता- मनोज साह) को 15 नवंबर 2024 को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की पिपरासी टीम द्वारा पोषण पुनर्वास केंद्र, नरकटियागंज में भर्ती कराया गया। यहाँ चिकित्सकों की टीम में डॉ प्रदीप शरण, डॉ मणिकांत श्रीवास्तव द्वारा जाँच होने पर देखा गया कि यह बच्ची अति कुपोषित है। इसका वजन 5.100 किलोग्राम था। उसकी उम्र 17 महीना होने के बाद भी कीर्ति बैठने में असमर्थ थी। तब शिशु रोग विशेषज्ञ के निर्देश पर प्रतिदिन बच्ची को आवश्यक दवाइयाँ, स्वास्थ्य कर्मियों की देख रेख में उपलब्ध कराया गया। प्रतिदिन वजन के अनुसार उपचारात्मक आहार जिसमें दूध, हलवा, खीर व अन्य सामग्री शामिल था, उपलब्ध कराया गया। प्रतिदिन फिजियोथैरेपी की भी व्यवस्था की गई। इलाज के बाद 4 दिसम्बर 2024 को कीर्ति को डिस्चार्ज किया गया। तब इस बच्ची के कुल वजन में 770 ग्राम की वृद्धि देखने को मिली। अब इस बच्ची को बैठते हुए देखा जा रहा है। उसके माता पिता को संतुलित आहार प्रयोग करने, सही मात्रा में समय पर बच्ची को दवा पिलाने की बात आकाश कुमार तिवारी फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर/न्यूट्रीशन काउंसलर द्वारा बताइ गई है।
कुपोषित बच्चों की खोज में आरबीएसके के चिकित्सक निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका:
आरबीएसके के डिस्टिक कोऑर्डिनेटर रंजन कुमार मिश्रा ने बताया कि कमजोर, कुपोषित बच्चों की खोज में आरबीएसके के चिकित्सक अपनी बेहतर भूमिका अदा कर रहे हैं। कमजोर व कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पीएचसी द्वारा पोषण पुनर्वास केंद्र नरकटियागंज में भर्ती कराया जा रहा है, जहाँ इलाज व बेहतर आहार के द्वारा बच्चे स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो रहे है। इस तरह नरकटियागंज प्रखंड स्थित अनुमण्डलीय अस्पताल कैंपस में 20 बेड वाला पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) कुपोषित बच्चों को नई जिंदगी देने में अहम भूमिका निभा रहा है। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा ने बताया कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहय्या कराने के उद्देश्य से जिले के नरकटियागंज पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों का इलाज हो रहा है। ऐसे में कुपोषित बच्चों के माता पिता को बिना झिझक के कमजोर दिखने वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र लाकर इलाज करवाना चाहिए। साथ ही गंभीर बीमारियों से बचने के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर दिए जा रहे सभी टीके लगवाने चाहिए।