गया।बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देशानुसार एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार मदन किशोर कौशिक के दिशा निर्देश पर शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री अरविंद कुमार दास के देख रेख में गया जिला में लीगल सर्विस डे पर पूरे जिला के प्रत्येक प्रखण्ड में पारा लीगल वालंटियर के द्वारा डोर टू डोर कैंपेन चलाया गया है इसके साथ ही साथ10+2 काशमी हाई स्कूल गया में कानूनी सेवाएं दिवस, जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें कानूनी सेवाएं से जुडी कानूनी जानकारी दी गई है। इस विधिक जागरूकता शिविर में पैनल अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कानूनी सेवाएँ दिवस महत्व और उद्देश्य पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि भारत में हर साल 9 नवम्बर को यह दिवस मनाया जाता है।यह दिवस 1995 में भारतीय संविधान के तहत कानूनी सहायता को बढ़ावा देने और न्यायकि उपलब्धता,कानूनी सेवाएँ दिवस, जिसे आमतौर पर “लिग्ल सर्विस डे कहा जाता है।हर साल उन लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए मनाया जाता है जो इसे प्राप्त करने में असमर्थ हैं। इस दिन का उद्देश्य कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना, न्याय तक पहुँच को सुलभ बनाना और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है।कानूनी सहायता की आवश्यता भारत में अनेक लोग कानूनी सहायता से वंचित रहते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे आर्थिक कठिनाइयाँ, शिक्षा की कमी, और कानूनी प्रणाली के प्रति अविश्वास। गरीब और वंचित वर्ग के लोग अक्सर न्याय पाने में असमर्थ रहते हैं। जिससे उनकी समस्याएँ और भी बढ़ जाती हैं। कानूनी सेवाएँ दिवस इस असमानता को दूर करने का एक प्रयास है।उद्देश्य और गतिविधियाँ इस दिन विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। जिनमें कानूनी जागरूकता सत्र, वर्कशॉपऔर मुफ्त कानूनी परामर्श शामिल होते हैं। विभिन्न न्यायालयों, विश्वविद्यालयों, और एनजीओ द्वारा संगठित इन कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें कानूनी सहायता के साधनों से जोड़ना है।सामाजिक न्याय की दिशा में कदम कानूनी सेवाएँ दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब लोग अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानते हैं तो वे अपने मामलों को सही तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं। यह न्यायालयों में अधिक सक्रियता और पारदर्शिता की ओर भी ले जाता है।कानूनी पेशेवरों की भूमिका कानूनी पेशेवरों का इस दिन में महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे न केवल कानून की जटिलताओं को समझाते हैं, बल्कि वंचित वर्गों के लिए मुफ्त कानूनी सेवाएँ भी प्रदान करते हैं। उनका ज्ञान और अनुभव लोगों को सही मार्गदर्शन देने में मदद करता है।जिससे वे अपने अधिकारों को पहचान सकें और न्याय की प्राप्ति कर सकें।कानूनी सेवाएँ दिवस एक आवश्यक पहल है जो समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा देने का कार्य करती है। यह न केवल कानूनी सहायता की आवश्यकता को पहचानता है, बल्कि इसे पूरा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। सभी नागरिकों को अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें न्याय की प्रक्रिया में शामिल करना इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है। इस प्रकार, कानूनी सेवाएँ दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ता है। आज के जागरूकता शिविर में जिला विधिक प्राधिकार के कर्मचारी विकास कुमार के द्वारा बताया गया आगामी 14 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय गया व्यवहार न्यायालय से शेरघाटी किया जाएगा। इस अवसर पर शिक्षक मो नियाजुल हसन अत्ताउल्लाह खान सैयद अशरफ नौशाद पी एल वीं मोहम्मद जुबेर सहित भारी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित होकर भाग लिया है।
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