विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को अंतिम रूप देने मे जुटा जिला प्रशासन

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 गया। पितृपक्ष मेला 2024 की तैयारी का अंतिम रूप देने के उद्देश्य से आज जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने साफ सफाई, पेयजल एवं स्वच्छता कोषांग के पदाधिकारी के साथ बैठक किया एव कुछ अंतिम निर्देश दिए हैं। इसपर निर्देश देते हुए कहा कि मंदिर प्रांगण, मंदिर परिसर,देवघाट सम्पूर्ण एरिया,सीता कुंड सम्पूर्ण एरिया में लगातार सफ़ाई की व्यवस्था रखे। पिंडदानी, पिंडदान के दौरान पिंड सामग्रियों को प्रवाहित करते हैं या मंदिर प्रांगण में छोड़ देते हैं। इस प्रकार हर दिन लाखो लाख की संख्या में पिंडदानी अपना पिंड छोड़ते हैं। जिसके कारण फिसलन की संभावना बनी रहती है। इन क्षेत्रों में सफाई की बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है। साथ ही सफाई व्यवस्था का निरंतरण मॉनिटरिंग भी करना अत्यंत आवश्यक है।सभी आवासन स्थल,पार्किंग स्थल एवं सभी स्थानों पर बने टॉयलेट में निरंतर सफाई की व्यवस्था होती रहे।
  साफ सफाई की बेहतर प्रबंधन से डायरेक्ट इंप्रेशन यहां देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों का पड़ता है। इसका पूरा ख्याल रखते हुए सफाई व्यवस्था करवाये।
 मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर बने प्याऊ को ठीक करवाया जा चुका है, सभी प्याऊ पूरी तरह फंक्शन है। नेट कारपेट के माध्यम से मंदिर गर्भ गृह में फिसलन को रोकने की तैयारी की गई है।इस बैठक को संबोधित करते हुए अपर समाहर्ता आपदा पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में सभी नदी तालाब में पर्याप्त पानी उपलब्ध है। इस दृष्टिकोण से सभी सरोवरों नदी तालाब में एसडीआरएफ की टीम, गोताखोर एवं नाव की भी व्यवस्था रखी गई है। जिससे कहीं कोई डूबने की घटना नहीं हो सके। सूर्यकुंड, पिता महेश्वर, ब्रह्मसरोवर में चार-चार एसडीआरएफ की टीम, चार-चार गोताखोर एवं 1-1 नाव दिया गया है। रामशिला, प्रेतशिला में दो- दो एसडीआरएफ की टीम, चार- चार गोताखोर दिया गया है।
  वैतरणी सरोवर में चार एसडीआरएफ की टीम चार गोताखोर एवं एक नाव दिया गया है।सीता कुंड एवं देवघाट में 12-12 की संख्या में एसडीआरएफ की टीम,  2-2 नाव एवं 10- 10 गोताखोर दिए गए हैं।रुकमणी तालाब में दो दो एसडीआरएफ की टीम चार-चार गोताखोर एवं एक नाव दिए गए हैं।
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