- नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बुधवार को आयोजित हुआ सम्मान समारोह
- बिहार की पारंपरिक लोक कला को स्थापित करने में अप्रतिम योगदान के लिए मिला सम्मान
- देश के विशिष्ट कलाकारों के लिए उत्कृष्टता, उपलब्धि के उच्चतम मानक का यह सर्वोच्च सम्मान
- राष्ट्रपति के हाथों सम्मान जीवन के लिए अविस्मरणीय पल : डाॅ.नूतन
अशोक वर्मा
मोतिहारी : अपनी स्वर लहरियों से दुनिया के देशों में भारत की समृद्ध कला,संस्कृति का परचम लहरा रहीं अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध गायिका व चंपारण की बेटी डाॅ. नीतू कुमारी नूतन को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘संगीत नाटक अकादमी अवार्ड’ से नवाजा है। बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने डाॅ.नूतन को यह सम्मान प्रदान किया, जिसमें उन्हें एक लाख रुपये, ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम् भेंटस्वरुप दिए गए। डाॅ.नूतन को बिहार की पारंपरिक लोक कला, लोक संस्कृति एवं ऐतिहासिक विरासतों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर स्थापित करने में उनके अप्रतिम योगदान के लिए राष्ट्रपति द्वारा ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार- 2022’ से नवाजा गया है।
संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्रदर्शन कला के क्षेत्र में देश के अति महत्त्वपूर्ण कलाकारों को उनके असाधारण योगदान के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है, जो उत्कृष्टता और उपलब्धि के उच्चतम मानक का प्रतीक है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की स्वायत्त संस्था संगीत नाटक अकादमी संगीत एवं नाटक की राष्ट्रीय स्तर की सबसे बड़ी अकादमी है, जो संगीत, नृत्य, थियेटर तथा अन्य पारंपरिक कलाओं के क्षेत्र में अतिविशिष्ट योगदान के लिए देश के दिग्गज कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित करती है।
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित इस समारोह में राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय पर्यटन एवं कला, संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघावल, संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष संध्या पुरेचा एवं कला संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन की गरिमामयी उपस्थिति रही। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों सम्मान से अभिभूत डाॅ.नूतन ने इसे अपने जीवन का सबसे ऐतिहासिक व अविस्मरणीय पल बताया। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा उसकी लोक कलाओं एवं लोक संस्कृति में बसती है। भारतीय कलाओं के प्रदर्शन के माध्यम से हम देश की युवा पीढ़ी को संस्कारित कर रहे हैं, ताकि भारत अपनी प्राचीन सनातन संस्कृति की ओर पुन: लौट सके। डाॅ.नूतन ने कहा कि भारत की पारंपरिक लोक कला व विरासतों का प्रदर्शन उन्होंने दुनिया के देशों में किया है तथा भारत का मान बढ़ाया है। भारत की राष्ट्रपति के हाथों डाॅ.नूतन को सम्मानित किए जाने पर जिले के कलाकर्मी एवं प्रबुद्धजनों ने कहा है कि वास्तव में यह अद्भुत क्षण है, क्योंकि सम्मान ग्रहण कर डाॅ.नूतन ने सिर्फ अपना मान नहीं बढ़ाया है, बल्कि चंपारण, बिहार तथा संपूर्ण नारी जाति का नाम उन्होंने रौशन कर नयी मिशाल पेश की है।
दुनिया के विभिन्न देशों में अपनी प्रतिभा का जौहर बिखेर कई सम्मान हासिल कर चुकी डाॅ.नूतन को भारत सरकार के संगीत नाटक अकादमी ने विगत माह कला-दीक्षा अभियान अन्तर्गत राज्य-गुरु नियुक्त किया था। भारत के संसद भवन के ऑडिटोरियम में अपने अद्भुत गायन की प्रस्तुति दे कला के क्षेत्र में उन्होंने नये कीर्तिमान स्थापित किए। संप्रति, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, भारत सरकार की सदस्य डाॅ.नूतन को मॉरीशस के राष्ट्रपति ने ‘मॉरीशस कला सम्मान’ से नवाजा था। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय अंतर्गत आईसीसीआर की पैनल्ड आर्टिस्ट डाॅ.नूतन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत आईसीआर की मान्यताप्राप्त कलाकार भी हैं। संगीत नाटक अकादमी के तत्त्वावधान में विगत वर्ष करीब एक सौ पच्चीस करोड़ के बजट से पाँच दिवसीय ‘लोकजात्रा’ का आयोजन करा डाॅ.नूतन ने देशभर से साढ़े छह सौ कलाकारों को चंपारण की धरती पर अपनी कला के जौहर दिखाने के अवसर प्रदान कराए थे। बिहार सरकार की वित्त समिति की सदस्य डाॅ. नूतन की लिखित माँग पर राज्य सरकार ने तीन सौ करोड़ की लागत से बिहार में कला विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय अंतर्गत सीसीआरटी द्वारा वरिष्ठ अनुसंधान फेलोशिप अवार्ड प्राप्त करनेवाली वे बिहार की पहली कलाकार हैं। साढ़े छह सौ पृष्ठों में ‘कालिदास के साहित्य संसार में संगीत का स्वरुप’ नामक पुस्तक की रचना कर डाॅ.नूतन ने कला व साहित्य जगत में अद्भुत प्रतिष्ठा अर्जित की है।