बच्चों की लाइन लिस्ट अपडेट कर चमकी पर जागरूकता शुरू करने का जिलाधिकारी का निर्देश

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  • वाहन टैगिंग व कंट्रोल रूम की स्थापना पर भी जोर 
  • सभी विभागों की चिट्ठी में चमकी पर होगी जागरूकता संदेश 
  • इस वर्ष भी रहेगा जीरो डेथ का संकल्प 
मुजफ्फरपुर। पिछले वर्ष जीरो से 15 से वर्ष तक के बच्चों की लाइन लिस्ट को अपडेट करने, जीरो डेथ के संकल्प को इस वर्ष भी यथावत रखने, ओआरएस पैकेट व गुड़ का बच्चों में वितरण जैसे महत्वपूर्ण निर्देश के साथ सोमवार को एईएस कोर कमेटी की बैठक संपन्न हुई। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एईएस पर की जाने वाली गतिविधियों और मौजूदा तैयारियों पर बिंदुवार चर्चा और समीक्षा की गयी। डीपीएम रेहान अशरफ और जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने एईएस से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों और नए प्रभावित प्रखंडों के बारे में जिलाधिकारी को विस्तार से बताया। जिलाधिकारी ने जीविका को निर्देशित किया कि पूरे जिले में स्टाफ, कैडर और स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चमकी पर जागरूकता शुरू कर दी जाए। इसके अलावा फरवरी के अंत तक जिले सहित प्रखंडों में कंट्रोल रूम की स्थापना भी कर ली जाए। डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने चमकी में जिला द्वारा पूर्व के वर्षों में किए गए प्रयासों से जिलाधिकारी को अवगत कराने के साथ इस वर्ष किए जाने वाले नवाचार पर सुझाव दिया।
सभी चिकित्सकों का होगा समेकित क्षमतावर्धन:
चमकी के तकनीकी पक्षों के कैपेसिटी बिल्डिंग पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी और चिकित्सकों का मिक्स बैच कर एक साथ चमकी पर क्षमतावर्धन किया जाए। प्रखंड स्तर पर एएनएम और आशा का भी क्षमतावर्धन किया जाए। इन क्षमतावर्धन सत्रों में जिलाधिकारी स्वयं भी शामिल होगें।
मोटरसाइकिल से चमकी पीड़ितों को पहुंचाने पर भी मिलेंगे पैसे: 
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति मोटरसाइकिल से भी एईएस पीड़ित को सरकारी अस्पताल में पहुंचाता है तो उसे भी चार सौ रुपए मिलेगें। इसके अलावे जिलाधिकारी ने हैंड बिल पर भी एम्बुलेंस और टैग वाहन के बारे में संदेश देने को कहा। वहीं आशा, सेविका, सहायिका और जीविका दीदीयों के मोबाइल में भी टैग वाहन के नंबर सेव किए जाए ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में क्विक रिस्पांस के साथ मरीज को चिकित्सा केन्द्र पर ले जाया जा सके। आई ई सी के तहत जन जागरूकता और प्रचार-प्रसार को सघन रूप से करने का निर्देश दिया गया। होम विजिट के साथ बच्चों का सर्वे कर सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया। साथ ही जीविका, आई सी डी एस एवं अन्य स्तरों पर भी प्रशिक्षण देने की बात कही गयी। बताते चलें कि विगत वर्ष पहली बार औराई प्रखण्ड में सबसे ज्यादा केस परिलक्षित हुए थें। हैण्डबिल, होर्डिंग, फ्लैक्स, एल ई डी वाहन द्वारा प्रचार-प्रसार गत वर्ष की भांति इस बार भी करने का निर्देश दिया गया। एस के एम सी एच और निजी हॉस्पिटल को भी इस बाबत पूर्ण तैयार रहने का निर्देश दिया गया। महादलित टोलों में विकास मित्र तथा विद्यालयों में चेतना सत्र जीविका दीदी द्वारा अपने मीटिंग में चर्चा-परिचर्चा के द्वारा इसका गहन प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया।
सभी विभागों की चिठ्ठीयों में चमकी पर चर्चा:
डॉ सतीश के द्वारा ओपीडी के पुर्जे में चमकी को धमकी की मुहर लगाने और जागरूकता संदेश की सराहना करते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागों को अपने विभागीय चिठ्ठीयों पर चमकी पर जागरूकता संदेश लिखने की अपील की।
पोषण पर दिया जाएगा ध्यान:
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने पोषण संबंधी मुद्दों पर गुड़ और ओआरएस के वितरण पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि एक भी बच्चा पोषण से वंचित न रह पाए।
बैठक में उप विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी, डॉक्टर सतीश कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी दिनेश कुमार, डी पी ओ आईसीडीएस चांदनी सिंह, एसकेएमसीएच तथा केजरीवाल हॉस्पिटल के चिकित्सक, डीपीएम रेहान अशरफ सहित अन्य लोग उपस्थित थें।
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