जिले में प्रचार-प्रचार कर पुरुष  नसबंदी का लक्ष्य किया जाएगा हासिल : डीसीएम 

3 Min Read
  • जिला स्वास्थ्य समिति से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के तहत सारथी रथ हुआ रवाना 
  •  पुरुष नसबंदी, दम्पति संपर्क सप्ताह के साथ परिवार नियोजन मेला का होगा आयोजन 
बेतिया। जिला स्वास्थ्य समिति  से एसीएमओ डॉ. रमेश चंद्र व  डीसीएम राजेश कुमार के द्वारा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का
उद्घाटन करते हुए सारथी रथ रवाना किया गया। डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि जिले के सभी 18 प्रखंडों में सारथी रथ द्वारा रूट प्लान के अनुरूप माइकिंग करते हुए प्रचार -प्रसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में प्रचार-प्रचार कर हमलोग बिहार स्तर पर “पुरुष नसबंदी” का लक्ष्य हासिल करते हुए अच्छा स्थान प्राप्त करेंगे। मौके पर जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा  ने बताया कि 4 से 16 दिसंबर तक सभी प्रखण्ड में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। 27 नवंबर से 3 दिसम्बर तक दम्पति संपर्क सप्ताह, परिवार नियोजन मेला,  समन्वय बैठक अलग-अलग प्रखंड में योजना के अनुरूप की जाएगी। सभी प्रखण्ड के ईएल , पुरुष नसबंदी में अपनी भागीदारी निभाएं तथा परिवार नियोजन की टोकरी के साथ सभी परिवार नियोजन का साधन सभी स्तर पर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करेंगे।
जागरूकता से लगेगी बढ़ती जनसंख्या पर रोक: 
जिला स्वास्थ्य समिति के आशा समन्वयक राजेश कुमार ने कहा कि जिले में लोगों को जनसंख्या नियंत्रण हेतु जागरूक करना बेहद जरूरी है। तभी बढ़ती जनसंख्या पर रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका दीदी व स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से सरकारी अस्पतालों में महिला बंध्याकरण, व पुरुष नसबन्दी कराई जाती है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया सरल है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में आसान है। इससे पुरुषों की पौरुषता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । इसके लिए पुरुषों को आगे आना होगा।
सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर मिलती है आर्थिक सहायता : 
डीसीएम राजेश कुमार व डीपीसी अमित कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पताल में निः शुल्क सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाती है। जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन की राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है। मौके पर डाँ अर्श मुन्ना, डीयूएचसी चंद्र किशोर, पिरामल फाउंडेशन, पीएसआई इंडिया, डॉ. सरोज वर्मा प्राइवेट हॉस्पिटल एवं जिला स्वास्थ्य समिति के सभी लोग उपस्थित थे।
54
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *