पुरानी पेंशन योजना लागू करने हेतु पटना में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी आंदोलन में पूर्वी चंपारण से हजारों कार्यकर्ता भाग लेंगे

2 Min Read
अशोक वर्मा 
मोतिहारी : मजदूर – किसान संगठनों के संयुक्त मंच द्वारा राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत  राजधानी पटना मे आयोजित 3दिवसीय महापड़ाव में भाग लेने पूर्वी चंपारण से हजारों मजदूर किसान पटना के लिए रवाना हुये।
केंद्र सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 26 से 28नवंबर तक  राजधानी में राजभवन के समक्ष आयोजित 3 दिवसीय महापड़ाव में पूर्वी चंपारण जिला से  हजारों मजदूर,किसान,स्कीम वर्कर्स रसोइया,आशा,आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका भाग लेने के लिए ट्रेन से रवाना हुये । ऐक्टू के जिला सचिव विष्णुदेव प्रसाद यादव ने कहा कि ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दवाब में मोदी सरकार ने किसानों के साथ जो समझौता किया था उसको लागू करने से मुकर कर किसानों के साथ धोखा किया है,जिससे किसान आक्रोशित  है।एमएसपी की गारंटी नहीं दिया लेकिन 2022बिजली बिल पासकर कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाया है।मजदूरों के अधिकारों से संबंधित कानून को खत्म कर 4लेबर कोड बना दिया है जो मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज है।आज मजदूरों ,कर्मचारियों की जिंदगी सबसे ज्यादा असुरक्षित है।न पेंशन है और न ही जॉब की गारंटी है।महिलाओं के श्रम की सरकारी लूट मची है।उन्हें जीने लायक न्यूनतम मजदूरी भी नही दी जा रही है।जबकि उनसे नियमित कर्मचारी जैसा काम लिया जाता है।चाहे आशा हो,रसोइया हो या सेविका सहायिका उनकी मांगों की अनसुनी की जा रही है।कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं उनकी मांगों को केंद्र और राज्य सरकार पूरा नही कर रही है।ऐसे 23सूत्री मांगों को लेकर देश भर के मजदूर और किसान अब एकजुट हो गए हैं।यदि सरकार मांगों को पूरा नहीं करती है तो 2024 में मोदी सरकार को सता से उखाड़ फेंकेंगे।
52
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *