सनातन धर्म रक्षा मंच जागरण अभियान मे ईश्वरीय संदेश  देती बीके निर्मला बहन

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अशोक वर्मा
सिमरौनगढ बारा नेपाल : ब्रह्मकुमारी के ईश्वरीय महावाक्यों मे बाबा ने कहा है कि अंतिम समय मे आप बच्चों को बना बनाया मंच मिलेगा और आपकी बातो को  दुनिया वाले बडे चाव से सुनेंगे।
परमात्मा का यह महावक्य अब अक्षरश: सही साबित  होना आरंभ हो गया है। भारत एवं नेपाल के ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र के भाई बहनों को विभिन्न आध्यात्मिक मंचों पर बुलाकर उनके प्रोग्राम को लोग ले रहे हैं और दुनिया के लोग बड़े चाव से उनकी बातों को सुन रहे है।चंपारण के विभिन्न सेवा केंद्रो  के बहन भाइयों को मंच पर आमंत्रित कर  उन्हें लोग बड़े चाव से सुन रहे हैं। नेपाल के सेवा केंद्र के बहन भाइयों की भी काफी निमंत्रण मिल रहा है और उनकी बातों को बड़ी गंभीरता से लोग सुन रहे हैं। ब्राह्मण परिवार इसे अंतिम समय का  ईशारा मान रहा  है।इसी कडी मे
नेपाल के सीमरौनगढ कचोरवा कटहरिया टोला मे सनातन धर्म रक्षा मंच द्वारा आयोजित सनातन जागरण अभियान कार्यक्रम मे ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन को विशेष रूप मे आमंत्रित किया गया जहां उनके ईश्वरीय संदेश को लोगों ने बडे चाव से सुना।उन्होंने  संबोधित करते हुये कहा कि भारत के अविनाशी खंड पर प्रत्येक 5000 वर्ष के अंतराल पर परमपिता परमात्मा शिव बाबा का अवतरण होता है और वे पतित दुनिया को पावन बनाते है।वे  सभी धर्मों को समाप्त कर एक  आदि सनातन देवी देवता धर्म की स्थापना करते है। बहन जी ने कहा कि पूरे विश्व का विस्तार और फैलाव आदि सनातन देवी देवता धर्म से ही हुआ है,सभी सृष्टि रुपि कल्प वृक्ष के तना और टाल टालियां है। यही कारण है कि आज विश्व के हर देश में देवी देवताओं की मूर्तियां निकल रही हैं ।
बीके निर्मला बहन ने कहा कि।गीता ग्ंथ मे स्पष्ट कहा गया है कि यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानी भारत — यानि जब जब धर्म की हानी होती है तब तब मै अवतरित होकर धर्म स्थापित करता हूं।कहा कि परमात्मा का अवतरण 1936 मे हो चुका है और उनके द्वारा आदि सनातन देवी देवता धर्म की स्थापना का कार्य हो रहा है,जो अब अंतिम चरण मे है। भारत बहुत जल्द विश्व गुरु बनने जा रहा है।विश्व मे सिर्फ एक धर्म होगा आदि सनातन देवी देवता धर्म है।
बहन जी ने अपने संदेश में कहा कि वर्तमान पुरुषोत्तम संगम युग अब समापन पर है।अभी सभी के लिए अवसर है परमात्मा से संबंध जोडकर वर्षा लेने का।उन्होंने कहा कि परमात्मा आये है ज्ञान रतनो से हमारी झोली भरने के लिए।
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