मुख्यमंत्री जी को संन्यास ले लेना चाहिए : डॉ संतोष सुमन

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गया। मुख्यमंत्री  का सदन में दिया गया भाषण संसदीय परंपरा के विरुद्ध है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम होगी। एक बड़े प्रदेश के संसदीय प्रणाली के सबसे बड़े पद पर बैठे हुए व्यक्ति के मुंह से इस तरह की बातें शोभा नहीं देती। संसदीय परंपरा में जीवन निर्वाह करने वाले सभी व्यक्ति को मर्यादा के अनुरूप अपनी बात को रखनी चाहिए उक्त बातें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन ने कही है।
 उन्होंने कहा कि आजकल  मुख्यमंत्री काफी तनाव में चल रहे हैं। जिस जंगल राज से बिहार को उन्होंने बाहर निकाला था, आज उसी जंगल राज के पुरोधा के साथ मिलकर सत्ता चलाने में उन्हें काफी परेशानी हो रही है। निश्चित तौर पर उन्हें उनके साथियों की ओर से इतना दबाव बनाया जा रहा है कि उनका शारीरिक और मानसिक दोनों ही संतुलन बिगड़ता जा रहा है। इसलिए अब उन्हें बिहार के हित में मुख्यमंत्री का पद छोड़कर संसदीय प्रणाली से सन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी अच्छे व्यक्ति थे लेकिन जब से जंगल राज वालों के साथ गए हैं तब से उनकी मानसिक और शारीरिक दोनों स्थिति बिगड़ते जा रही है। वह उटपटांग हरकत करने लगे हैं। इस बात से उनकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है की एक पुण्यतिथि में जाने के बाद पुष्पों का समर्पण अपने ही माननीय मंत्री पर करने लगते हैं। इससे उनकी दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी दबाव में वह बोलना कुछ और चाहते हैं और उनके मुंह से बातें कुछ और निकल जाती है हम उनके शुभचिंतक हैं इसलिए हम उन्हें सलाह देते हैं कि अब आप मुख्यमंत्री के लायक नहीं रहे और आपको यह पद छोड़ देना चाहिए।
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