गरीबों की मसीहा और समाजवादी आंदोलन के मजबूत स्तंभ प्रोफेसर प्रकाश  नहीं रहे।

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अशोक वर्मा
बेतिया : समाजवादी विचारधारा के समर्पित सिपाही, 1974 जेपी छात्र आंदोलन एवं संपूर्ण क्रांति  के वरिष्ठ सेनानी, बेतिया चनपटिया निवासी प्रोफेसर प्रकाश का निधन  पटना मे आज हो गया ।
प्रोफेसर प्रकाश पश्चिम चंपारण में भूमिहीनो की लंबी लड़ाई लड़ी थी। जयप्रकाश नारायण के कंधा से कंधा मिलाकर उन्होंने संपूर्ण क्रांति आंदोलन को शक्ति दी थी ।हृदय की बीमारी से जूझते अंततः हार गये। मनुष्य जो जन्म लेता है उसका जाना भी तय रहता है  लेकिन उसका कृतित्व उसे अमर बना देता है। संघर्ष की भूमि चंपारण की धरती पर श्री प्रकाश अपने जीवन को गरीबो की सेवा मे कुर्बान कर दिया। आज भले ही प्रकाश जी नहीं रहे लेकिन चंपारण में अपने कर्मों के कारण वे हमेशा याद किए जाएंगे ,साथ-साथ जो लोग भी संघर्ष के क्षेत्र में आएंगे प्रकाश जी उनके लिए आदर्श निश्चित रूप से रहेंगे ।उनके निधन की  खबर मिलते हीं दोनो चंपारण से काफी लोगों ने शोक संवेदना व्यक्ति की। संवेदना व्यक्त करने वालों में पूर्व कुलपति डॉ रविंद्र कुमार रवि ,डॉक्टर मंजरी वर्मा ,जेपी सेनानी जानेमाने समाजसेवी अमर ,दिग्विजय, राय सुंदर देव शर्मा, अशोक वर्मा, कवि ध्रुव त्रिवेदी, जेपी सेनानी नंद भाई पटेल ,पूर्व विधायक रामाश्रय सिंह, पूर्व विधायक त्रिवेणी तिवारी, पंकज जी, सीकटा के माले विधायक वीरेंद्र गुप्ता, विष्णु देव यादव ,प्रभु देव यादव, रंगकर्मी अभय अनंत, कवि अंजनी आशेष,कवि गुलरेज शहजादा ,अजहर हुसैन अंसारी मोतिहारी कला मंच के शेख मोहम्मद हाशिम, पूर्व प्राचार्य शशि कला ,भारतीय दलित साहित्य अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष जागाराम शास्त्री ,अलीशा सिंहा, डॉक्टर कुमकुम अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ के नेता अध्यक्ष रामसेवक राम, जन संस्कृति मंच के अच्युतानंद पटेल, किरण राम,  भैरवदयाल सिंह, भाग्य नारायण चौधरी के अलावा अन्य कई लोग हैं।
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