बिहार में कहने को तो शराबंदी कानून लागू है इस कानून को सफल बनाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है तो वही दूसरी तरफ एक एैसा विडियों सामने आया है जो इस कानून का मजाक बना रही है।
यह मामला मोतिहारी जिले के रक्सौल प्रखंड का है जहाँ शराब पीन की जो जांच है उसका तरीका सुर्खियों में आ गया है। दरसल पुलिस ने शराब पीने की सक में 15 लोगो को पकड़ा फिर उनको शराब पीने की जांच के लिए रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल लेकर पहुचे। आपको बता दे कि अस्पताल में ब्रेथ एनेलाइजर मशीन नही था जिसके बाद वहां डयुटी पर तैनात स्वास्थय कर्मी ने एक सफेद कागज निकाला और उसे आरोपी के मुह में डाल कर फुक मारने के लिए कहा फिर उस अस्पताल में कर्मी ने कागज को पहले खुद सुंघा और फिर डयुटी पर तैनात डाक्टर साहब को भी कागज सुघने के लिए दिया। जिसके बाद दोनो ने कागज सुघ कर ये पक्का कर दिया कि आरोपीयों ने शराब पी है या नही।
अब आप अंदाजा लग सकते है कि जिस राज्य में ब्रेथ एनेलाइजर की जगह जुगार टेक्नोलॉजी से शराब पीने की जांच हो रही हो वहाँ शराब बंदी अभियान कितना सफल हो पाएगा। हालाकि मामला सामने आने के बाद स्वास्थय विभाग के कई अधिकारी और पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।