- रामराज की ओर हम तेजी से बढ़ रहे हैं -डॉक्टर शोभाकांत चौधरी
अशोक वर्मा
मोतिहारी : नगर के महावीर मंदिर प्रांगण में हिंदू नवजागरण मंच द्वारा आयोजित जिला स्तरीय वार्षिक समारोह का उद्घाटन डॉक्टर शोभाकांत चौधरी, प्रोफेसर राम निरंजन पांडे ,रमाकांत शर्मा शास्त्री, मुरारी शरण पांडे, शंभू प्रसाद जायसवाल ,चमेली पांडे ,उषा त्रिवेदी ,दिनेश कुमार के द्वारा दीप प्रज्वलन, हनुमान चालीसा का पाठ एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ ।
संपूर्ण कार्यक्रम तीन चरणो में आयोजित हुआ। प्रथम चरण आश्रम और वर्ण व्यवस्था ,दूसरा चरण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा तीसरा चरण संस्कार का क्षरण एवं पुनर्स्थापन पर आधारित था।
प्रथम चरण के आश्रम एवं वर्ण व्यवस्था विषय पर दो वक्ता प्रोफेसर राम निरंजन पांडे एवं विनोद प्रसाद थे ।दोनों वक्ताओं ने चार आश्रम वर्ण व्यवस्था के विधाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला ।दोनो वक्ताओं ने ब्रह्मचर्य ,गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं सन्यास वर्ण व्यवस्था के प्रथम वर्ण व्यवस्था ब्रह्मचर्य आश्रम पर कहा कि आज यह बिल्कुल हीं गिर गया है।इसका असर अन्य तीनों व्यवस्था पर भी पडा है।उन्होंने कहा कि ऋषि मुनि संत महात्माओं के जीवन एवं चरित्र को हम देखें और अपनावें तो चारों वर्ण व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकता है। संजय कुमार तिवारी ने संचालन के दौरान कहा कि स्वयं को सशक्त करना ,परिवारिक दायित्व का निर्वहन करना, सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करना तथा तीनों आश्रम से मुक्त होकर चौथा आध्यात्मिक क्षेत्र में सन्यासी का जीवन जीना हीं मूल चार आश्रम है। आज यह व्यवस्था अपने लाइन से अलग हट गई है, परिणाम घर-घर में टकराहट और क्लेश बढ़ता जा रहा है। दूसरे सत्र में चिकित्सा व्यवस्था पर राम मनोहर जी ने गुड के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छठ व्रत में गुड़ का बना हुआ रसोई एवं ठेकुआ मुख्य प्रसाद होता है। उन्होंने कहा कि भोजन के बाद गुड़ खाने से बात पित्त कफ की बीमारी नहीं होती है ,शक्ति मिलती है ।तुलसी के पत्ता और गुड़ , चना एवं चीउडा के साथ गुड़ खाने से 75% बीमारी खत्म हो जाती है ।उन्होंने संध्या समय गुड़ खाने की मनाही की ।रात्रि में दूध में गुड़ मिलाकर खाने से नींद अच्छी आती है। उन्होंने कहा कि गुड मुख्य रूप से जाडे का भोजन है ,गर्मी में गुड नहीं खाना चाहिए। गुड़ की मात्रा पर भी उन्होंने कहा 10 से लेकर 25 ग्राम के बीच हीं गुड़ खाना चाहिए ।मंगल मिलन का तीसरा सत्र सामाजिक संस्कार का क्षय और निर्माण की प्रक्रिया था । मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी संस्था से बीके अशोक वर्मा ने कहा कि संस्कार में क्षय होने का मुख्य कारण अपने को आत्मा नहीं समझ शरीर समझने की भूल करना है।आत्मा का परमात्मा से पावर कनेक्शन ढीला होने के कारण ही संस्कारों में दिनों-दिन गिरावट आ रही है। उन्होंने संस्कार पुनर्स्थापना पर कहा कि रात्रि समय सोने के पहले अपने दिन भर के दिन चर्चा का मूल्यांकन कर गलत कार्य के लिए परमात्मा से क्षमा मांगनी चाहिए और सही कार्य के लिए परमात्मा का आशीर्वाद लेना चाहिए। उन्होंने सुबह अमृतवेला में उठकर ज्योति बिंदु परमात्मा से कनेक्ट होने की बात कही और कहा कि अगर आप परमात्मा से जुड़ जाते हैं फिर कहीं प्रवचन और दुनिया के आडंबर में पडने की आवश्यकता नहीं होगी, आत्मा जब सशक्त होगी तब संस्कार से परिपूर्ण होंगे। अन्य वक्ताओं में जगदीश प्रसाद अरविंद मिश्रा, सुरेश नारायण पांडे ,उषा त्रिवेदी एवं चमेली पांडे थे ।चमेली पांडे ने बड़ा ही सुंदर की प्रस्तुत कर लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया ।संगठन सत्र के एकल वक्ता कार्यक्रम के आधार स्तंभ दिनेश प्रसाद थे, उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में 1200 लोगों का पंजीकरण हुआ है तथा 27 प्रखंड के लोग आए हुए है।यह संगठन दिखावा में नहीं रहती , हम लोग किसी अन्य लोग से चंदा भी नहीं लेते । उन्होंने उपस्थित लोगों से चंदन लगाने तथा घर-घर में तुलसी का पौधा लगाने का संकल्प कराया। उन्होंने कहा कि हमें, वाद विवाद से दूर रहना है।उन्होंने संगठन पर कहा कि यह संगठन आम लोगों को जोड़ने के लिए है तथा उसके अंदर धार्मिक और आध्यात्मिक भावना भरने का काम कर रही है ।सामाजिक क्षेत्र में उन्होंने अगले वर्ष के लिए रक्तदान ,पुस्तक दान ,पुस्तक बैंक एवं रोटी बैंक चलाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंगल मिलन केंद्र पर यह सब लागू होगा ।सभी अपने घरों मे हनुमान चालीसा का पाठ करें । उन्होंने नारा दिया -मेरा गांव मेरा देश मंगल मिलन का है यही संदेश। कार्यक्रम में उपस्थित रहने वालों में मुख्य रूप से शैलेंद्र तिवारी संतोष पासवान कर्पूरी ठाकुर मनीष शाही सुनील वर्मा चंद्रिका सिंह मदन शास्त्री शशि भूषण शर्मा आनंद केसरी विजय साहनी अमित कुमार राजेश्वर प्रसाद राम विनय चौधरी गौरी शंकर पांडे मुसाफिर महतो आदि थे।
29