परम कलाकार परमात्मा पिता की मै संतान हूं ,यह समझ कर अगर पार्ट बजाएं तो परमात्मा की मदद हर कदम पर मिलेगी : राजयोगिनी बीके चंद्रिका दीदी

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ज्ञान सरोवर से अशोक वर्मा
माउंट आबू (राजस्थान) अरावली पर्वत : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आर्ट एंड कल्चर विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू के ज्ञान सरोवर में आयोजित पांच दिवसीय” उत्कृष्ट समाज के लिए कलाकार के किरदार” विषयक सेमिनार का उद्घाटन राजयोगिनी चेयर पर्सन बीके चंद्रिका दीदी, अंतरराष्ट्रीय ज्वाइंट सेक्रेट्री एवं एजुकेशन विंग के चेयरपर्सन बीके मृत्युंजय भाई, कोऑर्डिनेटर नेहा बहन ,दीप्ति शाह, मुंबई की निधि बहन ,गुजरात की बीके तृप्ति बहन, बेंगलुरु की काव्या जी राव ,मुंबई के राजेश मिश्रा एवं जयंती माला, बीके सतीश भाई, डॉक्टर वाईएन बाला कृष्ण ,धीरज कुमार करनाल आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ बागेश्वरी एवं रितिका के स्वागत नृत्य से हुआ।
मुंबई से पधारे मुख्य वक्ता बीके नेहा बहन ने कहा कि सभी कलाकार समाज के साथ जुड़े हुए हैं, समाज के नवनिर्माण के वे आधार हैं ।समाज में बढ़ती विकृतियां कला जगत को भी अछूता नहीं छोड़ा है। समस्यायें बढती जा रही है  परिणाम स्वरूप आम लोगों की गरिमा नीचे की ओर गिरती जा रही है ।परमात्मा से हम  संबंध जोड़ कर उनसे अपार शक्ति प्राप्त कर इन तमाम बुराइयों से बच सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था के संयुक्त सचिव बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि  कभी-कभी हंसी भी आती है एक तरफ तो व्यसन मुक्ति अभियान चलाया जाता है और दूसरी तरफ फैक्ट्रियों को शराब निर्माण का लाइसेंस भी दिया जाता है ।गांधी जी  ने कहा था कि अगर 2 घंटे के लिए मुझे देश का प्रधानमंत्री बना दिया जाए तो मैं पहला काम पूरे देश में शराबबंदी लागू कर दूंगा ।उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त समाज तभी होगा जब समाज व्यसन मुक्त होगा। कार्यक्रम की चेयर पर्सन चंद्रिका दीदी ने कहा कि धन और सुख से साधन भी बढे हैं लेकिन घर घर में  दुख अशांति तनाव दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं । उन्होंने सुखमय जीवन के लिए बताया कि बीते हुए समय को याद ना करें वर्तमान में जीने का प्रयत्न करें तथा बीते समय के अनुभव के आधार पर भविष्य की यात्रा तय करें । उन्होंने कहा कि परम कलाकार परमात्मा  पिता की मैं संतान हूं यह समझकर अगर कोई भी इंसान पार्ट  बजाएं तो परमात्मा हर कदम पर सहयोगी बन जाता है। उन्होंने कहा कि सभी में शक्तियां भरी हुई है स्वयं की पहचान अगर हो जाए तो सभी कलायें स्वत: ही जागृत हो जाएंगी। कलाकार की श्रेष्ठ स्थिति ,सकारात्मक सोच ,श्रेष्ठ वृत्ति अगर जागृत हो जाए तो स्वत: हीं सभी में शक्ति संचार होता रहेगा। उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ चीजों को डिलीट करें और कुछ को जोड़ दें फिर जैसा जीवन बनाना चाहते हैं वैसा जीवन बन जाएगा।
दूरदर्शन कलाकार दीप्ति शाह ने कहा कि वर्तमान खतरनाक दौर में बच्चों के अंदर जन्म से ही ओम की घूटटी अगर पिलाई जाए तो उसका भविष्य संवर जाएगा।
धीरज कुमार ने प्रेरक कथा कहने  के बाद सारांश ने बताया कि दूसरे का मार्कशीट देखने के बजाय खुद का मार्कशीट अगर देखें तो जीवन तनावमुक्त रहेगा ।
कार्यक्रम के बीच -बीच में कई नृत्य नृत्य प्रस्तुत किए गए  जिसमें भारत फिर भरपूर बनेगा– की प्रस्तुति  सराहनीय रहा।
यह रिश्ता सीरियल की कलाकार ने कहा कि जब मैंने सीरियल में विकलांग लड़की की भूमिका निभाई तो भावनात्मक रूप से मैं बिल्कुल पिघल गई शूटिंग के बाद से विकलांग लड़कियां  मुझसे मिली और कथानक पर मेरी प्रशंसा की और कहा कि समाज में तो विकलांगों को दूसरे  तीसरे दर्जे का नागरिक मानता है लेकिन आपने कथानक में हमारे भावनाओं को रखा है जिसके लिए हम आपके आभारी है। कार्यक्रम में राजयोगिनी बीके तृप्ति  बहन ने कॉमेंट्री के माध्यम से योग की गहन अनुभूति कराया ।उन्होंने कहा कि तूफान से घबराना नहीं चाहिए, कभी-कभी तूफान मंजिल तक पहुंचाने में बहुत मददगार होता है।
कई फिल्मी हीरो हीरोइन एवं मंच के सधे हुए कलाकारों ने अपने अपने विधा को वहां पर प्रदर्शित किया ।
 बांसुरी वादन , क्लासिकल गायन के साथ-साथ  सुंदर कविता पाठ भी प्रस्तुत किए गए ।
कार्यक्रम में अन्य कई वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उद्घाटन सत्र का धन्यवाद ज्ञापन अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय के गायक ने कविता के माध्यम से किया।
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