अशोक वर्मा
मोतिहारी : नगर के सभी चर्च में बड़े ही श्रद्धा पूर्वक प्रभु यीशु का जन्म समारोह मनाया गया। ऐसी मानता है की प्रभु यीशु को शुली पर लटकाने के बाद वे जी उठे और दुनिया को ज्ञान रोशनी से प्रकाशित किया। नगर के सबसे पुराने चर्च जो मधुबनी घाट रोड के पास स्थित है उस चर्च की स्थापना 1903 में हुई थी। चर्च के कारण ही उसे चौक का नाम मिशन चौक है। वहां सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटना आरंभ हो गई थी और आसपास के क्रिश्चियन धर्म के अलावा अन्य लोग भी वहां आ करके बड़े ही श्रद्धा से प्रभू ईशू को याद किया। आसपास के क्रिश्चियन धर्म के अलावा अन्य लोग भी वहां आ करके बड़े ही सरदारपूर्वक खुशीया बनाई और प्रभु यीशु को श्रद्धा से याद किया ।पास्टर डॉक्टर स्टीफन ने बताया कि यह चर्च सबसे पुराना है और हजारों लोग इससे जुड़े हुए है। चर्च परिसर में जश्न का माहौल था। पूरे चर्च को सजाया गया था तथा सुबह में प्रेयर के बाद सभी ने प्रभु यीशु को दिनभर याद किया और खुशियां मनाई। नगर के एन एच28 बरियारपुर स्थित संत फ्रांसिस असीसी चर्च में काफी धूमधाम से प्रभु यीशु को याद किया गया। ईसाई धर्म को मानने वाले काफी लोग सुबह चर्च में पहुंचे और प्रेयर में शामिल हुए। चर्च के फादर ने प्रभु यीशु मसीह के बारे में उन्हें विस्तार से बताया। चर्च के बाहर परिसर में मेला का नजारा था काफी झांकिया सजी हुई थी, काफी युवक युवतियां मोमबत्ती जलाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे थे। चर्च परिसर के बाहर सड़क के दोनों किनारे काफी दुकानें सजी थी। झूले भी काफी लगे हुए थे और एक तरह से वहा मेला का नजारा हो गया था ।मिठाई की दुकाने भी सजी थी ।बच्चे काफी आनंद और खुशियां मना रहे थे
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