स्वयंसेवक सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रमों को जारी रखें, ताकि समाजसुधार का लाभ आमलोगों को भी अधिक से अधिक मिल सके- कुलपति

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राजेश कुमार मिश्रा की रिर्पोट
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  • एनएसनस शिक्षा का अभिन्न एवं व्यावहारिक अंग जो छात्रों को समाजोपयोगी बनाकर उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाता है- डॉ चौरसिया
  • युवाओं में छुपी हुईं प्रतिभाओं एवं क्षमताओं को उभार कर उन्हें राष्ट्रभक्त नागरिक बनने मध्यम है एनएसएस- प्रो संजय
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की स्नातकोत्तर एनएसएस इकाई के तत्वावधान में विश्वविद्यालय रसायनशास्त्र विभाग में “वालंटियर्स ओरिएंटेशन प्रोग्राम” का आयोजन प्रभारी विभागाध्यक्ष प्रो संजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में एनएसएस कोषांग के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया, पीजी यूनिट के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सोनू राम शंकर, विश्वविद्यालय चुनावी साक्षरता क्लब की सहसंयोजिका डॉ लक्ष्मी कुमारी, शिक्षक डॉ अभिषेक राय, स्वयंसेवक- अक्षय कुमार झा, सुमेधा, अंशु, पूजा, रेश्मि, नव्या, पद्मा, सरोज, मनोज, संजना, प्रिंस, विशाल, निकिता, समरेश, रिंकी, केशव, आदित्य, नेहा, रामकृपाल, अनीश तथा ऋचा कुमारी सहित 30 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने वक्तव्य में डॉ आर एन चौरसिया ने एनएसएस के इतिहास, उद्देश्य, लक्ष्य एवं लोगो आदि के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह छात्रों को समाजसेवा के माध्यम से उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास तथा चरित्र का निर्माण भी करता है। महान समाजसेवी महात्मा गांधी की जयंती के शताब्दी वर्ष 1969 में 24 सितंबर को इसकी स्थापना राष्ट्रीय स्तर पर की गई थी। यह शिक्षण संस्थानों को सीधे समाज से जोड़ता है तथा छात्रों को महत्वपूर्ण मानव संसाधन के रूप में तैयार करता है। डॉ चौरसिया ने कहा कि एनएसएस हमारी शिक्षा प्रणाली का अभिन्न एवं व्यावहारिक अंग है जो छात्रों को समाजोपयोगी बनाकर उन्हें राष्ट्रीय विकास की मुख्य धारा में लाता है। यह नि:स्वार्थ सेवाभावना सीखाकर युवाओं को अहंकार रहित भी बनता है। विशिष्ट वक्ता डॉ लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि एनएसएस छात्रों को बिना लाभ के कार्य करना सीखना है तथा उन्हें अच्छा इंसान भी बनता है। इससे छात्र अपने परिवार, समाज तथा विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर सकते हैं। अध्यक्षीय संबोधन में प्रो संजय कुमार चौधरी ने कहा कि समाजसेवा से आत्मसंतुष्टि मिलती है। यह युवाओं में छुपी हुई प्रतिभाओं एवं क्षमताओं को उभरता है। इसके माध्यम से छात्र समाजसेवी, मानवीय गुणों से युक्त, राष्ट्रभक्त नागरिक के रूप में तैयार होते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि स्वयंसेवक प्राकृतिक आपदाओं के समय संयोजन बनाकर पीड़ित लोगों की मदद के लिए आगे आएं।
ओरियंटेशन प्रोग्राम का कुशल संचालन करते हुए स्नातकोत्तर के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सोनू रामशंकर ने कहा कि प्रत्येक युवा में कोई न कोई विशिष्ट गुण होता है। एनएसएस उन्हें तरास कर छात्रों को दूसरों से विशिष्ट एवं सर्वोत्तम बनाता है। वहीं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ अभिषेक राय ने कहा कि यह छात्रों का एक बड़ा मंच है, जिसके द्वारा युवा समाज की वास्तविक समस्याओं एवं जरूरत से रूबरू होकर उनका यथोचित समाधान निकालने का प्रयास करते हैं। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने अपने विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन करते हुए अनेक तरह के प्रश्न भी पूछे, जिनका समुचित उत्तर विशेषज्ञों ने किया।
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