- गायघाट प्रखंड का बेरूआ पंचायत हुआ टीबी मुक्त
- महादलित,स्लम और दूरस्थ क्षेत्रों में करें टीबी की स्क्रीनिंग
- पोलियो की तरह इस बीमारी का भी उन्मूलन संभव
मुजफ्फरपुर। मैं कोई निर्देश या आदेश नहीं दे रहा हूं। मैंने खुद टीबी मरीजों को देखा है। कितना शारीरिक कष्ट में जीते हैं। टीबी उन्मूलन की जिम्मेदारी सिर्फ टीबी कार्यक्रम में शामिल लोगों की नहीं बल्कि इसके लिए समेकित प्रयास की जरूरत है, ताकि पोलियो की तरह इसका उन्मूलन संभव हो सके। ये बातें जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने शनिवार को समाहरणालय के सभागार में टीबी फोरम मीटिंग के दौरान कही। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिले में टीबी की वर्तमान स्थिति, स्क्रीनिंग और चल रहे जागरूकता कार्यक्रम का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए हमें बहुआयामी सोंच पर काम करना होगा। स्क्रीनिंग पर ध्यान देना होगा, टीबी मरीजों ने दवा पूरी खायी की नहीं, उनके परिवार को संक्रमण से बचाने के साथ टीबी मरीजों के हित के लिए पोषण राशि समेत अन्य सुविधाएं समय पर मिलती रहे इसका ध्यान मुख्य रूप से रखना होगा।
टीबी मुक्त पंचायत पर बेरूआ की मुखिया हुई सम्मानित
टीबी फोरम मीटिंग के दौरान गायघाट प्रखंड के बेरूआ पंचायत की मुखिया उषा देवी को जिलाधिकारी ने गांधी जी का मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान बेरूआ पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत बनाने में सहयोग के लिए दिया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने उषा देवी के प्रयास को सराहा और कहा कि टीबी मुक्त पंचायत की दिशा में और सफलता के लिए हर जनप्रतिनिधि को आगे आना होगा। उन्होंने पहले विभाग को कम टीबी मरीज वाले पंचायतों का चयन कर उन्हें मुक्त करना होगा। तभी यह क्रम आगे बढ़ेगा और प्रखंड के साथ जिला भी टीबी उन्मूलन की तरफ अग्रसर होगा। जिलाधिकारी ने अगले महीने विभाग के साथ सहयोगी संस्था केएचपीटी को भी टीबी मुक्त पंचायत के रिव्यू मीटिंग में शामिल होने का न्योता दिया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार,जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सीके दास,जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ, बेरूआ की मुखिया उषा देवी, केएचपीटी के डीसी दिनकर चतुर्वेदी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
