स्वर्णिम प्रभात की किरण समान बनकर उभरे पूर्वी चंपारण के नए पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात

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अशोक वर्मा
मोतिहारी  ।  स्वर्ण प्रभात बने पूर्वी चंपारण के नए एसपी। 2017 बैच के आइपीएस श्री प्रभात पड़ोसी जिला गोपालगंज से स्थानांतरित होकर पूर्वी चंपारण   आए हैं।गांधी और बुद्ध  की धरती पर उनका जोरदार स्वागत  हुआ। पूर्वी चंपारण की जनता नये एसपी की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है ।अमूमन ऐसा होता है कि जब भी नए पदाधिकारी आते हैं तो बहुत से अच्छे लोग  स्वागत में आगे बढ़ते हैं और बहुत से माफिया टाइप के लोग भी बढ़कर स्वागत करते हैं। उद्देश्य यह होता है कि अच्छे जरूरतमंदो मे जैसे विकलांग,वरिष्ठ  नागरिक, वृद्ध,लाचार महिला आदि जो होते हैं वे उनसे न्याय की उम्मीद करते हैं। कई विभिन्न क्षेत्र के माफिया तरह के जो लोग होते हैं वे भी  जुगाड़ बैठाने के लिए परिचय बात कर लेते हैं।                              नये आरक्षी अधीक्षक का स्वागत पूर्वी चंपारण जिले के वरिष्ठ नागरिक , स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी सेनानी परिवार, मीडिया समूह के अलावा सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं के लोगों ने  किया है।जनता स्वागत में आगे बढ़कर सुरक्षित पूर्वी चम्पारण की कामना रखते हुए उनका स्वागत की है। जैसा कि देखा गया है बिहार में कानून बहुत बनते हैं नये कानून को लोग पढ़ कर खुश भी होते हैं लेकिन कानून पूर्णत लागू नहीं हो पाते है ।                                जब समाज के लोग चारों तरफ से हार थक जाते हैं  तो पुलिस के पास प्रथम न्याय की उम्मीद लेकर जाते हैं उसके बाद न्यायपालिका का चक्कर लगाते हैं, लेकिन भारतीय कानून  इतनी खर्चीली और जटिल है कि बिना पैरवी दलाली का कोई कार्य हो नहीं रहा है।अधिकारी भी नीचले अधिकारी को आदेश निर्देश देकर अपने दायित्व  को समाप्त कर लेते है लेकिन जनता शीघ्र समाधान चाहती है ,जो नही मिल पाता है।ऐसे माहौल में नये आरक्षी अधीक्षक के समक्ष पूर्वी चंपारण में कुछ चुनौती पूर्ण कार्य है अगर ये उस कार्य को सफल करते हैं तो जनता के दिल में अपना जगह बनाएंगे और दुआवो का स्टाक भी जमा करेगे ।अगर नहीं कर पायेंगे तो लोग तो निराश  स्थिति में रहने के अभ्यस्त  हो ही चुके हैं,उस पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। अगर धर्म , आध्यात्म, स्व विवेक और कानून संवत कार्य  हो तो सफलता निश्चित  मिलेगी और जरूरतमंदो को न्याय मिल जायेगी।                                चुनौती में पहला है थाने को व्यवस्थित करना, शिकायतो का त्वरित गति से निष्पादन करना, बिचौलिए  मुक्त व्यवस्था करना,सही पैरवी सुनना और ध्यान देना लेकिन हिम्मत से ।खास करके जो कमजोर तबका है उसके लिए उसके दरवाजे पर न्याय की समुचित व्यवस्था करना, यह सब कुछ संभव है, इस दिशा में इनको कुछ विशेष पहल करनी होगी। जिले में जमीन संबंधी जितने  कानून बनते हैं सभी में छिद्र है जिसका लाभ गलत तत्व उठाते हैं इसलिए स्व विवेक एवं कानून के आधार पर कार्य करना होगा।यह जिला गांधी जी की कर्म भूमि है। 1917 में चंपारण सत्याग्रह के दौरान गांधी जी ने गरीबों के आंखों में झांक कर भगवान के दर्शन की बात कही थी ।आज यह  जिला गांधी और बुद्ध के सत्य हिंसा से अलग हो चुका है।भ्रष्ट व्यवस्था के कंपोस्ट के कारण ऐसा हुआ है।चारो तरफ व्यवस्था लचर गई है।ऐसी स्थिति में नए आरक्षी अधीक्षक को गांधी की नीति, आदर्श,संवेदनशीलता और सिद्धांत आधारित अंत्योदय योजना का नए सिरे  से आरंभ  करना होगा ताकि गरीब से गरीब लोगों तक न्याय पहुंच सके। पूर्वी चंपारण की जनता अति संवेदनशील है ,शांति सद्भाव की संस्कृति आधारित  यहा की जनता है। यहां की जनता प्रशासन के साथ सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर  रहती है। यह जिला सांस्कृतिक क्षेत्र में भी काफी आगे है और जैसा कि कहा गया है कि जहां आर्ट एंड कलर का माहौल होता है वहां अपराध नियंत्रण संभव होता है ।अपराध के जड़ में जाना होगा सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होता है कानून को लागू करने में पुलिस प्रशासन को कार्य शैली मे बदलाव लाना होगा । नये आरक्षी अधीक्षक के समक्ष विकलांग, वृद्ध, महिला ,विधवा इन लोगों के मामले के लिए कुछ विशेष करने की आवश्यकता है। ट्रैफिक कंट्रोल अब तक इस जिले में फेल होता रहा है ।पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन को सबसे पहले नगर के सभी मुख्य  पथ को स्थाई अतिक्रमण मुक्त करना होगा उसके बाद सडको का स्वतः चौड़ीकरण हो जाएगा । पुलिस प्रशासन के लिए जितने कानून बने हैं नये आरक्षी अधीक्षक को उसे सख्ती और ईमानदारी से लागू करना होगा । कानून को दरवाजे तक अगर नए एसपी साहब पहुंचा देते हैं तो यह कुछ विशेष कार्य होगा और उनकी सेवा यादगार  बन जाएगी। माहौल ऐसा बने कि आम लोगों में प्रशासन के प्रति डर पैदा हो । इतना अधिक भ्रष्टाचार है कि हर क्षेत्र  के लोगों मे प्रशासन के प्रति आदर और भय समाप्त हो चुका है ।लोग आसानी से कानून हाथ में  ले लेते हैं। प्रशासन के प्रति आम लोगों मे विश्वास और निश्चय पैदा करना होगा, इसके लिए प्रशासन को ईमानदार होना होगा। काम कठिन और चुनौतीपूर्ण है लेकिन असंभव नही है।चुनौतीपूर्ण कार्य मे सफल होना ही मनुष्य  को महान बनाता है । नये आरक्षी अधीक्षक महान बने ऐसी उम्मीद पूर्वी चंपारण की जनता करती है ।                       मीडिया समाज की ओर से भी पूर्वी चंपारण के नए आरक्षी अधीक्षक का स्वागत है और जिस तरह मीडिया के बारे में कहा गया है कि मीडिया अच्छाई को भी उजागर करता है और बुराई को ज्यादा उजागर  करता है।यहा की मीडिया भी काफी मजबूत और जगी हुई है
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