आईएमए से जुड़े डॉक्टर अपनी पर्चियों पर लगायेंगे एमडीए की मुहर

Live News 24x7
4 Min Read
  • आईएमए के साथ एमडीए-फाइलेरिया के मेगा लांच को लेकर संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित
  • राज्य के 13 जिलों में 10 फ़रवरी को एमडीए राउंड की होगी शुरुआत: डॉ. परमेश्वर प्रसाद
  • पिरामल स्वास्थ्य एवं राज्य फ़ाइलेरिया विभाग के तत्वावधान में हुआ कार्यशाला का आयोजन 
पटना: वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए देश में अब एक साथ एमडीए यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. राज्य के 13 जिलों में 10 फरवरी को अभियान की शुरुआत की जाएगी. उक्त बातें अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम अधिकारी, फाइलेरिया, डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने आईएमए एवं इंडियन अकादमी ऑफ़ पेडियाएटरिक्स के साथ एमडीए-फाइलेरिया के मेगा लांच को लेकर आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान कही. डॉ. प्रसाद ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन में आईएमए ने पहले भी सहयोग किया है. उन्होंने आईएमए से पुनः एमडीए में अधिक से अधिक लोगों द्वारा दवा सेवन करने के लिए सहयोग प्रदान करने की बात कही. कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. परमेश्वर प्रसाद, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. अशोक कुमार, आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. एस.ए.कृष्णा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. राजेश पांडेय द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया.
आईएमए के सदस्य एमडीए-फाइलेरिया में करेंगे सहयोग: 
आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद सिंह ने बताया कि आईएमए के सभी सदस्यों के साथ मिलकर फाइलेरिया उन्मूलन में सहयोग करने की कार्ययोजना बनायेंगे. साथ ही आईएमए के सभी चिकित्सकों के माध्यम से यह सुनिश्चित कराएंगे कि सभी डॉक्टर अपने पर्चे पर एमडीए का मोहर लगाएं.
विश्व के 72 देशों में लगभग 86 करोड़ आबादी फाइलेरिया के खतरे में:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि फाइलेरिया नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डीजीज में एक प्रमुख रोग है. विश्व के 72 देशों में 85.9 करोड़ आबादी फाइलेरिया के खतरे में हैं. विश्व भर में फाइलेरिया विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण है. इससे विश्व भर में लगभग 200 करोड़ रूपये की आर्थिक क्षति होती है. उन्होंने बताया कि फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लिए खर्च किए गए प्रति 1 डॉलर पर 25 डॉलर का फायदा होगा. डॉ. पांडेय ने बताया कि फाइलेरिया प्रबंधन एवं उन्मूलन की दिशा में मरीजों को न्यूनतम पैकेज ऑफ़ केयर प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है. जिसमें फाइलेरिया संक्रमण का उपचार, एक्यूट अटैक का उपचार, हाथीपांव का प्रबंधन एवं हाइड्रोसील का सर्जरी शामिल है. पिरामल के इंद्रनाथ बनर्जी ने भविष्य में पिरामल स्वास्थ्य आईएमए एवं इंडियन अकादमी ऑफ़ पेडियाएटरिक्स के साथ कैसे काम करेगा इसकी कार्ययोजना पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने फाइलेरिया प्रसार, फाइलेरिया उन्मूलन रणनीति, एमडीए, एमएमडीपी सहित हाथीपांव के चरणों के विषय में विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान आईएमए के राज्य सचिव डॉ. अशोक कुमार, जिला सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश्वर कुमार, स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर बसब रूज एवं फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत ने भाग लिया. इस दौरान पिरामल,पीसीआई, सीफ़ार, लेप्रा, जीएचएस एवं डब्लूएचओ के अधिकारी सहित आईएमए के अन्य चिकित्सक भी उपस्थित थे.
123
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *