सुर संगम महोत्सव सह सम्मान समारोह-24 का हुआ भव्य आयोजन

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  •  सुर संगम कला संस्थान के तत्त्वावधान में जे.डी. वीमेंस कॉलेज ऑडिटोरियम में बही संगीत की धारा
  • संगीत से जुड़कर व्यक्ति के अवसाद दूर होते हैं – कुलपति डाॅ. राकेश 
  • कला- संगीत से जुड़ी नौ विभूतियाॅ हुईं सम्मानित 
अशोक वर्मा
पटना :       सुर संगम कला संस्थान के तत्त्वावधान में शनिवार को जे. डी. वीमेंस कॉलेज के ऑडिटोरियम में सुर संगम महोत्सव सह सम्मान समारोह- 24 का भव्य आयोजन हुआ। महोत्सव का विधिवद उद्घाटन पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर.के. सिंह, जे.डी. वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मीरा कुमारी, सुर संगम कला संस्थान की अध्यक्ष डॉ. नीतू कुमारी नूतन, दूरदर्शन प्रमुख डॉ. राजकुमार नाहर, वरिष्ठ तबलावादक डॉ. श्याम मोहन अशोक एवं कथक नृत्यांगना अंजुला कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। समारोह की अध्यक्षता एवं आगत अतिथियों का स्वागत संस्थान की अध्यक्ष डॉ. नीतू कुमारी नूतन ने किया। संचालन डाॅ. सोनी ने किया।
    संत पशुपतिनाथ वेद विद्यालय के छात्रों के स्वस्ति वाचन से समारोह की शुरुआत हुई। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि कुलपति डॉ.आर.के. सिंह ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को कला-संगीत से जुड़ने की आवश्यकता है। कयोंकि आधुनिकता के इस दौर में आज समाज के हर वर्ग का व्यक्तित्व अवसाद का शिकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ संगीत में हीं वह शक्ति है, जिससे जुड़कर व्यक्ति अपने अवसाद को दूर कर सकता है। कुलपति श्री सिंह ने कहा कि संगीत को पेशा बनाए बगैर भी हम इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
 कला- संगीत- नृत्य के क्षेत्र में अतिविशिष्ट उपलब्धि एवं महत्वपूर्ण योगदान के लिए संस्थान की ओर से चार कला- विभूतियों को ‘ब्रह्मनाद सम्मान’ से विभूषित किया गया। जिनमें दूरदर्शन प्रमुख एवं वरिष्ठ तबला वादक डॉ. राजकुमार नाहर,  वरिष्ठ तबला वादक डॉ. श्याम मोहन, प्रख्यात सरोद वादक डॉ. रीता दास एवं प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना अंजुला कुमारी शामिल हैं। वहीं सुर संगम कला सम्मान से वरिष्ठ हारमोनियम वादक प्रेम चंद लाल, वरिष्ठ नाल वादक अर्जुन कुमार चौधरी, वरिष्ठ बांसुरी वादक मो. शर्फुद्दीन, वरिष्ठ उद्घोषक शोमा चक्रवती एवं युवा गायक राजीव रंजन सिंह को नवाजा गया। इन सभी विभूतियों को पुष्पगुच्छ,अंगवस्त्रम, प्रतीक -चिन्ह एवं प्रमाण- पत्र देकर सम्मानित व अलंकृत किया गया।
          तत्पश्चात संस्थान के सबसे कम उम्र के छात्र आकृति एवं द्रोण ने सरस्वती वंदना से सांस्कृतिक सत्र का आगाज किया। संस्थान के छात्रों ने विवाह के सम्पूर्ण रश्मों को एक गीत की लड़ियों में पीरोकर अपनी अद्भुत प्रस्तुति से दर्शक- श्रोताओं का मन मोह लिया। जिसमें सिमरन श्रुति, कमलेश देव,अंजलि, अनुष्का, अमनदीप भोला, जयश्री आदि कलाकार शामिल थे। इनके साथ राजन कुमार, (तबला) भोला पासवान (ढोलक) एवं कीबोर्ड पर राजन कुमार ने शानदार संगत की। तबला के जादूगर डाॅ. राजकुमार नाहर आज अलग रंग में नज़र आए। डाॅ. नाहर ने शास्त्रीय राग में  विलंबित खयाल से लेकर तीन ताल एवं कजरी की उत्कृष्ट प्रस्तुति देकर अपने गायन- कला से सबको आह्लादित कर दिया। बिहार की प्रख्यात सरोद वादक डा. रीता दास ने अपने उत्कृष्ट वादन से दर्शक- श्रोताओं के मन के तारों को झंकृत कर दिया। कथक की जानी- मानी शख्सियत  कथक नृत्यांगना अंजुला कुमारी ने अपने नृत्य प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में संस्थान के सभी छात्रों ने सूफ़ी संगीत की सामूहिक प्रस्तुति से पूरे प्रांगण को गुलजार कर दिया।
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