अशोक वर्मा
मोतिहारी : जिला परिषदीय सभागार में सरकार द्वारा त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों के अधिकारो में लगातार हो रही कटौती को लेकर श्री शशिभूषण राय उर्फ गप्पू राय के अध्यक्षता में एक आपात बैठक का आयोजन किया गया।
श्री राय के द्वारा बताया गया कि विगत् कई वर्षों से लगातार त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्था जिन्हे सवैधानिक अधिकार प्राप्त है उनके अधिकारो का कटौती किया जा रहा है। बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के लागु होने बाद भी संवैधानिक अधिकारो का कटौती होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री राय के द्वारा बताया गया कि पंचायत सरकार भवन, नल-जल योजना, समेकित बाल विकास परियोजना, रोगी कल्याण समिति में अधिकारो में कटौती कर सवैधानिक संस्था को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। श्री राय के द्वारा स्पष्ट रूप से बताया गया कि एक तरफ सरकार का निर्देश है कि योजनाओ को शीघ्र पुरा कराकर राशि खर्च की जाय, दूसरी तरफ सरकार द्वारा कई बंदिशे लगा दी जाती है जैसे कि एक अभिकर्ता को तीन योजना से ज्यादा नही करना है, संविदा कर्मी को अभिकर्ता नही बनाना है, योजनाओ का भुगतान मजदूर के खाते में भेजना परन्तु षष्टम् राज्य वित् आयोग योजना अन्तर्गत अब तक मजदूरो का भुगतान ऑनलाईन पोर्टल में कमी के कारण नहीं हो पा रहा है।
श्री राय के द्वारा यह भी बताया गया कि मा० मुखिया और प्रमुखो को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित कर कर्मी के माध्यम से आवंटन किया जा रहा है जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता देखी जा रही है।
श्री राय ने कहा कि अब पंचायत निर्माण कार्य मैनुअल पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार द्वारा लागु किया गया है जिसमें योजनाओ का कार्यान्वयन विभागीय न करारकर निविदा के माध्यम से कराना है। उनके द्वारा बताया गया कि त्रिस्तरीय पंचायतो द्वारा भौगोलिक तथ्यो को ध्यान में रखकर तथा जरूरत के अनुसार योजनाओ का कार्यान्वयन करना होता है लेकिन निविदा होने से ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा। श्री शशिभूषण राय के द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार को हर हाल में निविदा के प्रस्ताव को रद्द करना होगा तथा लगातार हो रही त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओ के अधिकारो में कटौती में कम करना होगा वरना त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि बाध्य होकर सड़क से न्यायालय तक का शरण लेंगे।
श्री शशिभूषण राय समेत बैठक में उपस्थित सभी मा० जनप्रतिनिधियो ने निर्णय लिया कि संबंधित क्षेत्र के सभी मा० विधायक/ विधान पार्षद से मिलकर त्रिस्तरीय पंचायतो में हो रही लगतार कटौती पर रोक लगाने तथा इस मसले को विधान सभा पटल पर रखने का अनुरोध किया जायेगा तथा अगर इस मसले को मा० विधायक / विधान पार्षदो द्वारा निदान नहीं कराया जाता है तो सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अपने लडाई स्वयं लड़ेंगे और आने वाले चुनावो में पुरजोर विरोध होगा।
इस बैठक में मा० उपाध्यक्ष, जिला परिषद् श्रीमति गीता देवी, जिला परिषद सदस्य श्री
पंकज द्विवेदी, मो० नसीम अख्तर, श्री दिलीप कुमार, श्री इश्वरचन्द मिश्रा, श्री श्याम सुंदर सिंह, मो० नूर आलम खां, श्री विजय कु० सिंह, श्री सोनालाल साह, मा० मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष श्री शशिभूषण सिंह, मा० प्रमुख कुमारी रीना, श्री अमित कुमार, श्रीमति संगिता कुमारी, श्रीमति जानकी देवी, श्री महेश पासवान, श्री धर्मेन्द्र कुमार, श्रीमति विभा देवी, श्री जफीर आलम, श्री धिरेन्द्र कुमार, श्री मिथलेश कुमार, मा० मुखिया श्री राजु बैठा, प्रेमशंकर यादव, रामएकबाल राय, फैजुर रहमान उर्फ मुन्ना, श्री किशोरी सहनी, श्री लालबाबू साह, श्री अशोक कुमार, श्री नेप्रेस विज्ञप्ति।
आज दिनांक 23.07.2024 को जिला परिषदीय सभागार में सरकार द्वारा त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों के अधिकारो में लगातार हो रही कटौती को लेकर श्री शशिभूषण राय उर्फ गप्पू राय के अध्यक्षता में एक आपात बैठक का आयोजन किया गया।
श्री राय के द्वारा बताया गया कि विगत्त कई वर्षों से लगातार त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्था जिन्हे सवैधानिक अधिकार प्राप्त है उनके अधिकारो का कटौती किया जा रहा है। बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के लागु होने बाद भी संवैधानिक अधिकारो का कटौती होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री राय के द्वारा बताया गया कि पंचायत सरकार भवन, नल-जल योजना, समेकित बाल विकास परियोजना, रोगी कल्याण समिति में अधिकारो में कटौती कर सवैधानिक संस्था को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। श्री राय के द्वारा स्पष्ट रूप से बताया गया कि एक तरफ सरकार का निर्देश है कि योजनाओ को शीघ्र पुरा कराकर राशि खर्च की जाय, दूसरी तरफ सरकार द्वारा कई बंदिशे लगा दी जाती है जैसे कि एक अभिकर्ता को तीन योजना से ज्यादा नही करना है, संविदा कर्मी को अभिकर्ता नही बनाना है, योजनाओ का भुगतान मजदूर के खाते में भेजना परन्तु षष्टम् राज्य वित् आयोग योजना अन्तर्गत अब तक मजदूरो का भुगतान ऑनलाईन पोर्टल में कमी के कारण नहीं हो पा रहा है।
श्री राय के द्वारा यह भी बताया गया कि मा० मुखिया और प्रमुखो को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित कर कर्मी के माध्यम से आवंटन किया जा रहा है जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता देखी जा रही है।
श्री राय ने कहा कि अब पंचायत निर्माण कार्य मैनुअल पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार द्वारा लागु किया गया है जिसमें योजनाओ का कार्यान्वयन विभागीय न करारकर निविदा के माध्यम से कराना है। उनके द्वारा बताया गया कि त्रिस्तरीय पंचायतो द्वारा भौगोलिक तथ्यो को ध्यान में रखकर तथा जरूरत के अनुसार योजनाओ का कार्यान्वयन करना होता है लेकिन निविदा होने से ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा। श्री शशिभूषण राय के द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार को हर हाल में निविदा के प्रस्ताव को रद्द करना होगा तथा लगातार हो रही त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओ के अधिकारो में कटौती में कम करना होगा वरना त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि बाध्य होकर सड़क से न्यायालय तक का शरण लेंगे।