अनूप नारायण सिंह।
शिवहर लोकसभा क्षेत्र के बैरगनिया का इलाका बाढ़ प्रभावित ही इलाका रहा होगा गर्मी का दिन है पानी कम होने लगी है सामने एक तालाब है जिसमें कीचड़ ज्यादा है एक भैंस बेचारी फांसी हुई है निकालने की कोशिश कर रही है। बैरगनिया से ढाका जाने में आपका कलेजा कांप जाएगा। बांध के सहारे बीच में एक नदी पर टूटा हुआ पुल है जिसमें से होकर ही बस से लेकर सभी गाड़ियां गुजर रही है पर पुल कब ध्वस्त हो जाएगा इसका कोई ठिकाना नहीं है एक गाड़ी जाती है तो धूल का गुब्बार उठने लगता है बालू इतना है कि थोड़ा सा गाड़ी का शीशा नीचे किया तो आप पूरी तरह से धूल के आगोश में होंगे।
यह कोई बरसाती नदी है पर इसके रखव को देखकर लगता है की बरसात में काफी विकराल होती होगी कई तरह से धाराएं फूटी है पर अभी पानी नहीं है एक तरफ से गाड़ी आ रही है तो दूसरी तरफ गाड़ियों की लंबी कतार है। थोड़ा दूर आगे जाने पर एक और डायवर्सन आता है यहां पर कद्दू और तरबूज सामने से तोड़कर लोग बेच रहे हैं पर कीमत कम नहीं है बड़ी गाड़ियां देखकर कीमत पटना से भी ज्यादा बताई जा रही है पर मजबूरी है।
क्या पूछने पर की वोट किसको दीजिएगा यह लोग एक दूसरे का मुंह देखते हैं कहते हैं कि अभी फाइनल नहीं हुआ है अंतिम में देखा जाएगा यह बिंद और नोनिया जाति के लोग हैं। बैरगनिया में रेलवे दल से पहले एक बाबू साहब का पेट्रोल पंप है वहां पर मुखिया जी मिले थे उन्होंने कहा कि यहां सब वोट एनडीए का है पर आगे होटल में खाना खिलाने वाले साहू जी ने कहा की सुन रहे हैं कि हम लोगों को लालटेन पर ही बटन दबाना है पर वही साइकिल के दुकान पर खड़े अल्पसंख्यक समाज का एक युवा कहता है यहां से ओवैसी साहब का भी उम्मीदवार है पतंग छाप पर पहली बार पता चला कि यहां पतंग छाप पर एआइएमएम उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं।
ढाका आने वाला है पर मां मिजाज बन चुका है कि वापस अब इस रास्ते से नहीं आना है ढाका से सीधे चिरैया होते हुए मोतिहारी तक सड़क काफी बढ़िया है लोग बता रहे हैं सभी दलिय उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्र के गांव में समर्थ को के साथ घूम रहे हैं आज थोड़ी सी गर्मी कम है तो रहता है पर हवा नहीं चल रहा।
शिवहर का मिजाज इस बार थोड़ा सा ठंडा नजर आ रहा है प्रत्याशी ही ज्यादा एग्रेसिव है पर मतदाता खामोश है खामोश मतदाता काफी खतरनाक होता है। अंतिम समय में वह जो करता है सबके लिए चौकाने वाला होता है।
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