मेडिकल कैंप लगाकर जिले में की जा रहीं है यक्षमा रोगियों की पहचान

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  • जिले में टीबी मरीजों की संख्या 8531 तक पहुंची 
  • 2087 रोग ग्रस्त लोगों की अल्ट्रा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन द्वारा हुई स्क्रीनिंग
  • टीबी से बचने के लिए दवाओं का पूरा कोर्स जरूरी- डॉ संजीव 
मोतिहारी : टीबी मुक्त अभियान के तहत जिले भर के सभी प्रखंडो में मेडिकल कैंप लगाकर यक्ष्मा रोगियों की पहचान की जा रहीं है, ताकि टीबी मरीजों का समय पर पहचान एवं इलाज कर इसके प्रसार को खत्म किया जा सके एवं जिले को टीबी मुक्त बनाया जा सके। जिले के संचारी रोग पदाधिकारी डॉ संजीव ने बताया की स्वास्थ्य विभाग व वर्ल्ड विज़न इंडिया के सहयोग से हेल्थ कैम्प का आयोजन कर अल्ट्रा पोर्टेबल डिजीटल एक्सरे मशीन से टीबी की एक्टिव केस फाइंडिंग की जा रहीं है जिससे टीबी मरीजों की पहचान बेहद कम समय में हो रही है। उन्होंने बताया की वर्ष 2019 में जिले में टीबी मरीजों की संख्या 4092, 2020 में 5118, 2021 में 6141, 2022 में 7094, वहीं 2023 में टीबी मरीजों की संख्या बढ़कर 8531 तक पहुंच गईं है जिनमें पुरुष 5103, महिलाए 3427, बच्चे 787 है। वहीं एमडीआर के 176 मामले है। उन्होंने बताया की टीबी एक संचारी रोग है जिसमें सावधानी पूर्वक पूरी दवा का कोर्स करना जरूरी होता है। उन्होंने बताया की जिले के सभी सरकारी अस्पताल में टीबी की मुफ्त जांच एवं दवाएं उपलब्ध है।
105 लोगों की हुई टीबी स्क्रीनिंग :
ढाका प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर फुलवरिया, वार्ड नम्बर 12 में वर्ल्ड विज़न इंडिया संस्था के सहयोग से कैम्प का आयोजन कर टीबी के संदिग्ध मरीजों का स्क्रीनिंग अल्ट्रा पोर्टेबल डिजटल एक्सरे मशीन से किया गया। वहीं हेल्थ कैम्प का उद्घाटन अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुधीर कुमार गुप्ता और वर्ल्ड विज़न इंडिया के जिला पर्यवेक्षक रंजन कुमार वर्मा के द्वारा किया गया। मौके पर रंजन कुमार वर्मा ने बताया कि हेल्थ कैम्प में लगभग 105 रिगियो का एक्सरे किया गया जिसमें से 15 टीबी के रोगी पाये गये, उन्होंने बताया की मरीजों का बलगम संग्रह कर सीबी नेट टेस्टिंग के लिये भेजा गया है। बलगम जांच में पॉजिटिव पाये जाने पर उन सभी रोगियों को टीबी का मेडिसिन चलाया जायेगा।
टीबी से बचाव के उपाय:
जिला यक्षमा केंद्र के अमरेंद्र कुमार ने बताया की टीबी से बचाव के लिए सावधानी जरूरी है। टीबी के लक्षण होने पर बलगम की जांच कराएं। एक्स-रे कराएं। चिकित्सक द्वारा पुष्टि करने पर सावधानी बरतें। घरों में साफ-सफाई रखें। बीमार व्यक्ति मुंह पर रुमाल लगाकर चले। जिला टीबी अस्पताल, सभी पीएचसी एवं डॉट्स सेंटर पर टीबी मरीजों का इलाज होता है। वहां से नि:शुल्क दवाएं ले सकते हैं। बीच में दवा न छोड़ें। इलाज के दौरान खूब पौष्टिक खाना खाएं। एक्सरसाइज करें, योग करें।
मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुधीर कुमार गुप्ता, वर्ल्ड विज़न इंडिया के जिला पर्यवेक्षक रंजन कुमार वर्मा, रेडियो ग्राफर मोहम्मद सैफ अली, कंम्यूनिटी कोऑर्डिनेटर मिथलेश कुमार, वरीय यक्ष्मा लैब पर्यवेक्षक सुमित कुमार, बीएचएम बिनय कुमार गुप्ता, बीसीएम राजकिशोर कुमार व अन्य लोग उपस्थित थे।
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