- नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डे पर मच्छर जनित बीमारीयों के बारे में जाना
- फाइलेरिया से ग्रसित मरीज ने बताया अपना अनुभव
वैशाली। जन जन का है एक ही नारा, वैशाली को है फाइलेरिया मुक्त बनाना… उन्मुक्त कंठ से बोलते इस नारों के पीछे छात्र-छात्राओं का हर्ष साफ दिख रहा था। फाइलेरिया उन्मुलन और सर्वजन दवा अभियान में सहभागी बनने को आतुर यह छात्र-छात्रााएं राजकीय मध्य विद्यालय जढुआ के थे। जहां मंगलवार को नेग्लेग्टेट ट्रॉपिकल डे के अवसर पर जागरुकता सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर बच्चों को फाइलेरिया के कारण, लक्षण और निदान के बारे में भी विस्तार से बताया गया। बच्चों को प्रधानाध्यापिका संगीता ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर जनित बीमारी है। इसलिए इससे बचने के लिए रात में मच्छरदानी का प्रयोग करना है और पूरी बांह के कपड़े पहन कर सोएं। उन्होंने यूपीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से अभियान के दौरान एक बूथ भी स्कूल में लगाने का निवेदन किया। जिसे डॉ संजय कुमार ने स्वीकार भी किया।
पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य ने रखी बात:
कार्यक्रम के दौरान पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य डॉ राजेश्वर प्रसाद शर्मा ने अपने फाइलेरिया मरीज के होने के अनुभव को शेयर किया। उन्होंने बताया कि वे पिछले 40 साल से फाइलेरिया के मरीज हैं। उनकी अनदेखी के कारण यह रोग बढ़ता चला गया। इसका कोई ईलाज नहीं है।
ब्लैकबोर्ड पर अभियात तक रहेंगे एमडीए के स्लोगन:
कार्यक्रम के दौरान बच्चों को सर्वजन दवा अभियान के तहत खिलाई जाने वाली दवाओं के बारे में बताया गया वहीं दवा के बाद के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में भी बताया गया। बच्चों से प्रधानाध्यापिका संगीता ने यह वचन लिया कि वह अपने आस-पड़ोस में जाकर लोगों को दवा खाने के लिए जागरुक करेंगे। प्रधानाध्यापिका ने सभी शिक्षकों से उनके क्लास रुम में 10 फरवरी से फाइलेरिया से बचाव की दवा जरुर खिलाएं का स्लोगन लिखवाया। यह स्लोगन पूरे सर्वजन दवा अभियान के दौरान भी रहेगा। मौके पर प्रधानाध्यापिका संगीता, पीसीआई से डीएमसी अखिलेश कुमार, बीएमसी प्रभाकर कुमार, शिक्षक अर्चना पाठक, वीणा कुमारी, प्रेम, साधना कुमारी, महेश्वर राय समेत अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थी।