ब्रह्मकुमारीज की प्रथम मुख्य प्रशासिका बीके मनमोहनी दीदी के 41″ वीं पुण्य स्मृति दिवस को तीव्र पुरुषार्थी दिवस के रूप में मनाया गया।

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अशोक वर्मा
मीरगंज गोपालगंज : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय  सेवा केंद्र पर ब्रह्मा कुमारीज की प्रथम मुख्य प्रशासिका  मन मोहिनी दीदी जी की 41″ वीं पुण्य स्मृति दिवस आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के साथ चित्र पुरुषार्थी दिवस के रूप में मनाया गया। सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुनिता बहन ने बताया कि मनमोहिनी दीदी के चेहरे से सदा प्योरिटी की रॉयल्टी झलकती थी।इस प्योरिटी की प्रर्सनेलिटी के कारण ही बाबा ने मनमोहिनी नाम रखा ।दीदी के चेहरे पर सदा खुशी के झलक दिखाई देती थी।जो भी उनके सामने आते खुश होकर जाते थे, इतनी ताकत थी दीदी की। वे ज्ञान योग,धारणा  पवित्रता की प्रतिमूर्ति  साक्षात देवी थी। विपरीत परिस्थितियों में सदा अभय और पर्वत समान अडोल रहती थी। त्याग फर्ज अदाई में नम्बरवन थी। दीदी का मन इतना निर्मल और शुद्ध था कि जो कोई उनके समीप जाते अपने को शक्तिशाली अनुभव किया करते थे ।हरेक को बहुत स्नेह देने के साथ-साथ सम्मान भी देती थी। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार विनोद भाई ने बताया मनमोहिनी दीदी अंतिम बोल थी अब घर जाना है ,अब घर जाना है। अपने जीवन को यज्ञ में पूर्ण रूप से समर्पित कर रहने लगी। वह यज्ञ वत्स की कमजोरियों को किसी को ना सुना कर बल्कि उसे दिल में समाकर  बहुत प्यार से शिक्षा देकर परिवर्तन करती थी। मन मोहिनी दीदी के पुण्य स्मृति दिवस पर उपस्थित सभी भाई बहनों  ने अपने पुरुषार्थ को तीव्र कर जल्द से जल्द संपूर्ण बनने का संकल्प किया । सभी भाई बहनों ने बड़े ही शर्म था और सम्मान के साथ मन मोहिनी दीदी जी के चित्र पर पुष्प अर्पण कर उनसे दृष्टि ली । उक्त अवसर पर ब्रह्मा भोजन का भी आयोजन किया गया । कार्यक्रम में उपस्थित रहने वालों में मुख्य रूप से,बीके अनन्ता बहन ,बीके रिंकी बहन, ,बीके केदार भाई, आरती माता , मालती माता, बूचन माता, शामपति माता,कमलावती माता, श्रीमती माता, पूनम माता, मालती माता, कुमकुम माता,गीता माता, दीप्ती माता,गणेश भाई, टुनटुन भाई, देवेंद्र भाई आदि थे।
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