- शांति निकेतन एकेडमी में दशहरा उत्सव।
गया। शांति निकेतन एकेडमी की सभी शाखाओं में दशहरा उत्सव एवं रामरीला मंचन का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर विद्यालय के कक्षा प्लेग्रुप से नित्या, ओशु राज, रीत सिन्हा कक्षा नर्सरी से अद्विक सिंह, प्राकृति सिंह, वेद प्रकश कक्षा जूनियर केजी से पिहू रानी, सान्वी रंजन, अभिजीत कुमार, कक्षा सिनियर केजी से प्रियांशु रंजन, ऊर्जा कली, श्रेयस, अंश राज तथा श्री हरी, रीत सिन्हा, सारांश चंद्र, अथर्व अभिषेक, रूद्र यादव अभी सिंह – श्रीराम जी बने थे, नित्यांश राज, अभिनव आनंद ओशु राज, अंकित मौर्य, आयांश, अरनव वर्मा – लक्ष्मण जी बने थे, प्राकृति, ऊर्जा कली, मौर्य सिंह, पीहू रानी, दिव्यांशी, प्राणवी कुमारी, अंशिका सिंह, वैष्णवी शर्मा, नायरा सिंह – सीता माँ बनी थी एवं आहान, अभिजीत कुमार, यशवंत, श्रेयांश, आदित्य, ओम शंकर, अंश राज अक्षत – हनुमान जी की वेशभूषा मे थे। इन बच्चो ने अपनी-अपनी भूमिकाओं का बहुत ही अच्छे ढंग से अभिनय किया है। विद्यालय परिसर में राम दरबार सजाया गया और रावण का पुतला बना कर राम की वेशभूषा मे छात्र ने रावण का वध और माता सीता की कुटिया बनाकर सीता हरण का दृश्य प्रस्तुत किया गया। शिक्षिका, नूतन, सोनी, हबीबा, नासरीन, प्रिया और शालिनी मैम ने कहानी पपेट एवं एक्टीविटी के माध्यम से दशहरा त्योहार के बारे में बच्चों का बताते हुए कहा कि किस प्रकार से बुराई का अंत तथा अच्छाई की जीत हुई। इस मौके पर विद्यालय के चेयरमैन हरि प्रपन्न ने बच्चों को संदेश देते हुए कहा कि दशहरा त्योहार सच्चाई उमंग तथा उल्लास का प्रतीक है इसीलिए हमे सच्चाई के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। यह पर्व अधर्म पर धर्म की विजय का है सभी लोगों को धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए तथा प्रत्येक मानव को प्रभु श्री राम के जीवन चरित्र का अनुकरण करना चाहिए। आज के ही दिन बुराई एवं अधर्म का प्रतीक रावण का वध प्रभु श्री राम ने करके समस्त प्राणियों को राक्षसो और असुरो से मुक्ति दिलाये थे। इस कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय की सभी शिक्षिकाओं एवं प्राचार्या की देख-रेख में संपन्न हुआ है।
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