- आज आंदोलन बिकाउ हो चुका है- राय सुंदर देव शर्मा
- जेपी ने नई पीढ़ी को नई सोच दी- विनय वर्मा
अशोक वर्मा
मोतिहारी : जेपी छात्र आंदोलन के 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर जेपी लोकतंत्र सेनानी संगठन द्वारा नगर के राय हरिशंकर शर्मा सभागार में आयोजित समारोह की अध्यक्षता राय सुंदर देव शर्मा ने की ।वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि आज व्यवस्था पुरी तरह से सड गल गई है।जेपी आंदोलन में युवावस्था में सर पर कफन बांधकर आंदोलन में बढ चढ भूमिका निभाने वाले उम्र के सातवें -आठवें दशक में पहुंच चुके सेनानियों का लंबे समय के बाद सम्मेलन मे मिलन हुआ जो बड़ा ही सुखद था। अध्यक्षीय भाषण में राय सुंदर देव शर्मा ने कहा कि आज पुराने साथियों को एक साथ पाकर अति प्रसन्नता हो रही है। सारे लोगों ने जीवन के कीमती समय को आंदोलन में लगाया लेकिन जिन उद्देश्यों को लेकर अपने जीवन की बाजी लगाई उस उद्देश्यों की पूर्ति नही हुई। उस समय भी भ्रष्टाचार ,महंगाई और बेरोजगारी थी साथ साथ शिक्षा की स्थिति लचर थी ।लेकिन आज उससे भी बदतर स्थिति है। आज सबसे खराब स्थिति यह है कि आंदोलन भी बिकाऊ हो चुका है। एनजीओ के माध्यम से विदेशी फंड विदेशी विचारधारा को थोपने का काम कर रही है साथ -साथ देश को तोडना चाहती है।
पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर विनय वर्मा ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान बहुत से आंदोलनकारी भूमिगत हो गए कुछ बिखरे ।उस दौर में आरएसएस ने अग्रणी भूमिका निभाई और आठ जिलों का प्रभारी मुझे बनाया गया। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर मीसा भी लगा लेकिन मैं भूमिगत और बाहर रह कर आंदोलन में हमेशा सक्रिय रहा। जितेंद्र झा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि हम लोगों ने जेपी के सिद्धांत को जीवन में अपनाया। आज भी हम जेपी के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए हर पल प्रयत्नशील है । अशोक वर्मा ने संस्मरण सुनाते प्रत्येक प्रखंड मे जेपी सेनानी दरबार लगाकर जनता की समस्या को समाधान करने का प्रस्ताव रखा। संबोधित करने वालों में पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर रत्नेश आनंद ,योगी जी अरेराज, प्रोफेसर अखिलेश सिंह, शिवचंद्र दुबे ,विपिन बिहारी, ब्रजकिशोर सिंह, राज किशोर सिंह, रमेश चंद्र ,कैप्टन अब्दुल हामीद, मदन सिंह ,विजय जायसवाल ,इंद्रासन गिरी, राम विनय जी आदि थे।
कार्यक्रम के अंत में निम्न प्रस्ताव पारित किया गया
1- जेपी सेनानी सम्मान पेंशन योजना को बिहार विधानसभा में पारित कराकर बजट प्रावधान करने की व्यवस्था की जाए।
2- जेपी सेनानी सम्मान पेंशन राशि में बढ़ोतरी करके ₹25000 प्रतिमाह किया जाए
3-जेपी आंदोलन में एक माह से कम जेल में रहने वालों को भी पेंशन दिया जाए ।
4-जेपी आंदोलन के दौरान सक्रिय भूमिगत जेपी आंदोलनकारियों की पहचान कर उनको भी उचित सम्मान एवं पेंशन राशि तथा सभी सुविधाएं दी जाए।
5-पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन के तहत वैसे जेपी सेनानी की विधवाओं को भी पेंशन दिया जाए जो डीआईआर में बंद थे, लेकिन पेंशन सूची में उनका नाम दर्ज नहीं हो पाया लेकिन वह पात्रता रखते हैं ।
8- बिहार सरकार द्वारा पटना में लोकनायक जय प्राकाश स्मृति भवन का निर्माण किया जाए जिसमें पटना से बाहर के आने वाले जेपी सेनानियों की ठहरने की व्यवस्था हो।
9-जेपी सेनानियों को उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मरणोपरांत राजकीय सम्मान देने के समान बिहार सरकार भी सेनानियों को राजकीय सुविधा देने की अधिसूचना जारी करें
10- लोकतंत्र के हिफाजत के लिए भारत की दूसरी आजादी की लड़ाई में जिलों में बंदी जेपी सेनानियों को जेपी लोकतंत्र सेनानी घोषित कर स्वतंत्रता सेनानी की अनुरूप सम्मान दिया जाए
11-जेपी सलाहकार परिषद का गठन शीघ्र हो
12-जेपी सेनानियों को सभी स्तर पर राजकीय समारोहो में आमंत्रित किया जाए
13- स्वतंत्रता सेनानी के अनुरूप जेपी सेनानियों के परिजनो को भी सरकारी नौकरी में आरक्षण दी जाए 14-महंगाई मे कमी हो,कानून व्यवस्था को ठीक करें, किसानों के माली हालत को दूर करना तथा नीलगाय से सभी किसानों को मुक्त करना आदि था।