अशोक वर्मा
मोतिहारी : घोड़ासहन के भटिनिया गांव निवासी पूर्व जिला पार्षद एवं वाम आंदोलन के प्रखर एवं जुझारु नेता रामबाबू लंबी बीमारी से जूझते हुए इस दुनिया से विदाई ले लिए। 1980 के दशक में किसान समिति के मजबूत स्तंभ रहे रामबाबू का जीवन गरीबों ,अपेक्षितो एवं वंचितों के लिए समर्पित रहा व्यवहार कुशलता के साथ उनकी वाणी में अपनापन था, अपने व्यवहार कुशलता से वे किसी के साथ भी बड़ा निकट का संबंध बना लेते थे। उनकी प्रतिबद्धता हमेशा ही वंचित वर्ग के साथ रही। किसान समिति में रहते हुए उन्होंने कई आंदोलन का नेतृत्व किया था। बाद में संगठन में आपसी दरार के बाद वे स्वतंत्र होकर अपने स्वभाव अनुसार वंचितों के साथ खडे और प्रतिबद्ध रहे। किसी भी राजनीतिक दल में हुए सक्रिय नहीं हुए ।कई बीमारियों से वे कुछ दिनों से ग्रसित थे। शुगर की बीमारी थी। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हुई। उनकी मृत्यु की खबर मिलते हीं संघर्षशील लोगों के साथ समाजिक व्यक्तियों में शोक व्याप्त हुआ। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में स्पोर्ट्स क्लब के सचिव प्रभाकर जयसवाल ,राजद के पूर्व विधायक लक्ष्मी यादव, राजद नेता जगदीश विद्रोही, रंगकर्मी एवं कवि अच्युतानंद पटेल, शेख मोहम्मद हाशिम , विजय उपाध्याय, अशोक कुशवाहा,सीपीएम के पूर्व विधायक रामाश्रय सिंह,माकपा नेता ध्रुव त्रिवेदी ,भैरोदयाल सिंह, भाग्य नारायण चौधरी, भाकपा माले के सचिव विष्णु देव यादव, प्रभु देव यादव आदि है।