- चमकी से बचाव को जगह -जगह चौपाल लगाएं
- डीएम की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की अनुमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक हुई
- एईएस/जेई, डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया के बारे में हुई समीक्षा
- अस्पताल के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को दिए कई निर्देश
मोतिहारी। सदर अस्पताल मोतिहारी के परिसर में जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में अनुमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार, डीएस डॉ एस एन सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, डीआईओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में डीएम को सीएस एवं उपस्थित अधिकारियों के द्वारा एईएस / जेई, डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया के बारे में जानकारी दी गईं। वहीं डीएम ने कहा कि गर्मियों के मौसम में ज्यादातर चमकी के मामले देखे जाते हैं। चमकी के मामलों पर सतर्कता बरतनी जरूरी है। इस पर सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को अलर्ट रहना चाहिए।
नियमित टीकाकरण पर ज़ोर:
डीएम ने ओपीडी, नियमित टीकाकरण, एनसीडी क्लिनिक, वार्डो के साथ साफ सफाई की व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान डीएम ने नियमित टीकाकरण पर ज़ोर देते हुए निर्देश दिए कि आशा व स्वास्थ्य कर्मी अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की ड्यूलिस्ट तैयार करें। उन्हें अस्पताल में इलाज व सुरक्षित प्रसव कराने हेतु प्रेरित करें। सरकारी अस्पताल में शिशुओं का नियमित टीकाकरण कराएं।
चमकी से बचाव को जागरूकता फैलाएं:
डीएम ने कहा कि सभी अस्पतालों के चिकित्सक अपनी ड्यूटी सुनिश्चित करें। गर्मियों में चमकी के ज्यादातर मामले आते हैं इसलिए इस पर अलर्ट रहें। चमकी से बचाव को जगह -जगह चौपाल लगाएं। चमकी प्रभावित बच्चों की दवा, जाँच व इलाज की सारी व्यवस्था चाक चौबंद रखें।
वेक्टर रोगों के इलाज की है व्यवस्था:
डीभीबीडीसीओ डॉ शरत चँद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि एईएस के अब तक छः मामले आए हैं। वहीं उन्होंने बताया कि वेक्टर रोगों के इलाज की व्यवस्था सरकारी स्तर पर उपलब्ध है। बरसात के मौसम में ज्यादातर डेंगू के मामले देखे जाते हैं। डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपते हैं। साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को भी इसका खतरा रहता है। सीएस ने बताया कि डेंगू रोग के बारे में जागरूकता से इसके मामलों में कमी आएगी। लोग ड़ेंगू मच्छर के काटने से बचेंगे । वहीं लक्षण दिखाई देने पर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकेंगे।उन्होंने बताया कि ड़ेंगू के मामले दिखाई पड़ने पर सरकारी स्तर पर इसके इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है। जिले में 2022 में 208 मरीज मिले थे, जिनमें सर्वाधिक मोतिहारी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में 93, रक्सौल में 31, रामगढ़वा में 10 मरीज मिले। वहीँ 2023 में डेंगू का एक भी मरीज नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर डेंगू प्रभावित ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एवं शहरों में नगर परिषद, नगर निगम द्वारा प्रभावित स्थानों पर फॉगिंग कराई जाती है ताकि डेंगू मच्छर को खत्म किया जा सके ।
मौके पर पीएचसी प्रभारी, स्वास्थ्य प्रबंधक व अनुमंडल स्तरीय स्वास्थ्य कर्मी भी उपस्थित थे।
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