अशोक वर्मा
सीतामढ़ी : देश के महान स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व विधान पार्षद सावलिया विहारी वर्मा की 44वीं पुण्य स्मृति दिवस बडे हीं आदर और सम्मान के साथ मनाई गई।सव० सावलिया एक शिक्षाविद के साथ कुशल राजनयिक थे।उनके चित्र पर सभी लोगों ने बडे हीं आदर से पुष्प अर्पण कर नमन किया।वक्ताओं ने उनके वयक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला ।कहा कि पटना कलेज के प्राध्यापक रहे सावलिया जी ने कई पुस्तके लिखी।1996 मे जन्मे सावलिया जी की मृत्यु 1979 मे हुई।स्वतंत्रता संग्राम मे,गांधी , राजेन्द्र प्रसाद ,कृपलानी,जैसे देश भक्तों के साथ आजादी की लड़ाई में वे हिस्सा लिये और अनेक बार जेल गये , सीतामढ़ी बार एसोसिएशन के आजन्म अध्यक्ष रहे।आध्यात्म के क्षेत्र मे वे हमेशा आगे रहे,आध्यात्म को वे शक्ति श्रोत मानते थे।तत्कालिन,विश्व प्रसिद्ध थियोसोफी सोसायटी के प्रांतीय अध्यक्ष,थे।उनके कार्य काल मे वह संस्था विहार के लगभग सभी जिलो मे केंद्र खोली थी।हिन्दी साहित्य सम्मेलन और राष्ट्रभाषा परिषद के वरीय सदस्य रहने के साथ उन्होंने अनेक संस्थाओं को जन्म दिया था ।वे तीन सौ से अधिक पुस्तकों के प्रणेता,थे।गीता भवन , धार्मिक पुस्तकालय,बाल पुस्तकालय के संस्थापक भी रहे।
वक्ताओं ने कहा कि नई पीढी को ऐसे महान व्यक्ति पर शोध करने की आवश्यक्ता है ताकि सभी उनके महान कार्य को जान सके।
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