- लायंस इंटरनेशनल ने 203 टीबी मरीजों को गोद
- संस्थान में टीबी मरीजों के उपचार एवं देखभाल के लिए समुचित इंतजाम- डॉ. बिंदे कुमार
- निक्षय मित्र योजना में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें लोग- डॉ. कुमारी गायत्री सिंह
- इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान के सभागार में हुआ समोराह का आयोजन
पटना। लायंस इंटरनेशनल जिला 322 इ द्वारा आज इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान के सभागार में 203 टीबी मरीजों को गोद लिया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन एवं अध्यक्षता बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने की. इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा आहार और पोषण पर ध्यान देकर टीबी से मुकाबला और इसके दंश से सुअक्षित रहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि समुदाय के संभ्रांत एवं बौद्धिक रूप से दक्ष व्यक्तियों को आगे आकर यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में टीबी मरीजों को गोद लेकर अपनी सहभागिता दिखानी चाहिए. मंत्री महोदय ने लायंस इंटरनेशनल जिला 322 इ की सराहना करते हुए कहा कि इससे और समाजसेवी संस्थान भी टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आयेंगे. कार्यक्रम में उन्होंने टीबी मरीजों के बीच फूड पैकेट का वितरण भी किया. टीबी चैंपियंस के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने उन्हें टीबी वारियर्स की उपाधि दी. उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयासरत है. कार्यक्रम में आई.जी.आई.एम.एस के निदेशक प्रोफेसर डॉ. बिंदे कुमार, आर.एम.आर.आई के निदेशक डॉ.कृष्णा पांडेय, लायंस इंटरनेशनल जिला 322 इ के उपजिलापाल गनवंत मालिक, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. कुमारी गायत्री सिंह, जिला सिविल सर्जन डॉ. श्रवण कुमार, निदेशक, टीबीडीसी डॉ. रानू सिंह, टीबी मुक्त वाहिनी के राज्य संयोजक सुधेश्वर सिंह, डॉ. समरेंद्र कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी आई.जी.आई.एम.एस सहित संस्थान के चिकित्सक, लायंस इंटरनेशनल जिला 322 इ के सदस्य, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि सहित अन्य मौजूद रहे.
कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. बिंदे कुमार, निदेशक आई.जी.आई.एम.एस ने कहा कि समाज द्वारा टीबी मरीजों को कलंकित किया जाना और समुदाय से बहिष्कृत किया जाना यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में सबसे बड़ा बाधक है. उन्होंने कहा कि संस्थान में टीबी मरीजों के उपचार एवं देखभाल के लिए समुचित इंतजाम है और एमडीआर टीबी के मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है.
कार्यक्रम में अपने संबोधन में निदेशक, टीबीडीसी डॉ. रानू सिंह, ने कहा कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता और कुपोषण टीबी के प्रमुख कारण हैं और इसपर जागरूकता से ही लगाम लगायी जा सकती है. जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. कुमारी गायत्री सिंह ने कहा कि टीबी के जांच एवं उपचार की सुविधा सरकार द्वारा निशुल्क उपलब्ध करायी जाती है. उन्होंने कहा कि निक्षय मित्र योजना टीबी मरीजों के लिए वरदान है जिसमे उनके पोषण का ध्यान रखा जाता है.
लायंस इंटरनेशनल जिला 322 इ के उपजिलापाल गनवंत मालिक ने कहा कि जागरूकता, सरकार के साथ जनहित कार्यों के लिए सरकार के साथ समंवय, सामुदायिक पोषण पर ध्यान देने जैसे कार्यों को संस्था संपादित कर रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में लायंस इंटरनेशनल जिला 322 इ द्वारा आई.जी.आई.एम.एस को एक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस उपलब्ध कराया जायेगा और भविष्य में संस्थान में आनेवाले मरीजों के परिजनों के लिए निशुल्क किचन की व्यवस्था भी की जाएगी.
कार्यक्रम का संचालन डॉ. समरेंद्र कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी आई.जी.आई.एम.एस एवं टीबी मुक्त वाहिनी के राज्य संयोजक सुधेश्वर सिंह द्वारा किया गया.
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