- परिवार नियोजन पर पुरुष सहभागिता जरूरी
वैशाली। परिवार नियोजन पर नीलू और गोविंद शाह दोनों की रजामंदी थी। नीलू ने इसके लिए दैनिक गर्भनिरोधक गोली का इस्तेमाल शुरू किया। घर के काम में उलझी नीलू कभी दवा लेती कभी भूल जाती। इसके बाद उसने साप्ताहिक गोली छाया लेनी शुरू की। इसके बावजूद नीलू के लिए यह काम आसान नहीं रहा। अपनी इस आदत से तंग आकर नीलू ने यह बात अपने पति गोविंद शाह को बतायी। एक दिन राजमिस्त्री का काम करने वाले गोविंद ने अपने काम में से समय निकालकर यूपीएचसी मीनापुर गए और एएनएम आशा कुमारी से मिले। उन्होंने समस्या बताई और उन्होंने अंतरा का सुझाव दिया।
समय पर याद दिलाती हैं एएनएम:
तीन महीने के अंतराल पर दी जाने वाली अंतरा सूई के लिए अब नीलू को याद रखने की जरुरत नहीं पड़ती। अक्टूबर में उसने अंतरा की चौथी सुई ली है। सूई की निर्धारित तिथि की याद उसे अब एएनएम ही याद दिला देती हैं। नीलू कहती हैं अब मैं टेंशन फ्री और अच्छा महसूस करती हूं। मुझे इसका कोई साइड इफेक्ट का सामना भी नहीं करना पड़ा। मैंने इसके बारे में अपनी बहन और भाभी को भी इस अस्थायी गर्भनिरोधक के लिए राजी किया है।
पुरुषों को आना होगा आगे:
परिवार नियोजन पर अपनी राय देते हुए गोविंद कहते हैं कि परिवार नियोजन में पुरुषों को भी अपनी सहभागिता देनी होगी। कितने बच्चे रखने हैं, बच्चों में अंतर रखने में कौन सा तरीका ज्यादा कारगर होगा। इसकी जानकारी पुरुष जुटाएं और आसान तरीका देखकर स्वयं भी परिवार नियोजन में अपनी सहभागिता दे सकते हैं।
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