मुंबई/मोतिहारी : हमारे पूर्वजों पर अंग्रेजों ने कितना अत्याचार किया है, हमारी मां बहनों ने न जाने कितनी कुर्बानियां दी हैं। इसका जीवंत उदाहरण बनेगा फिल्म “चम्पारण सत्याग्रह’’। मुझे खुद ये सब मालूम नही था। उपरोक्त बातें फ़िल्म “चम्पारण सत्याग्रह” का पोस्ट प्रोडक्शन करते भावुक हुए सुप्रसिद्ध एडिटर कृष्णा मुरारी यादव ने कहा। उन्होंने कहा कि सैकड़ों फिल्मों का एडिटिंग किया हूं पर ऐसा अत्याचार कभी एडिट नही किया। इस हेतु मैं डा. राजेश अस्थाना का आभारी हूं जिन्होंने अंग्रेजों के अत्याचारों को इतना जीवंत शूट किया।
मुंबई के जी फोकस स्टूडियो में बहुचर्चित हिन्दी फ़िल्म “चम्पारण सत्याग्रह” के पोस्ट प्रोडक्शन चल रहा है। मौके पर उपस्थित जी फ़ोकस स्टूडियो, मुम्बई के मैनेजिंग डायरेक्टर अनीश रावत ने कहा कि रामायण और महाभारत की तरह माइल स्टोन साबित होगी फ़िल्म “चम्पारण सत्याग्रह” और इसे ऐतिहासिक धरोहर के रूप में लोग संजोएँगे।
वहीं डीओपी अशोक माही ने कहा कि फ़िल्म “चम्पारण सत्याग्रह” में लगभग 168 कलाकारों ने डायलॉग के साथ अभिनय का जलवा बिखेरा है एवं 1000 जूनियर आर्टिस्ट के साथ साथ बैल, घोड़ा और हाथी ने भी अभिनय किया है।
मौके पर उपस्थित फिल्म के निर्देशक डा. राजेश अस्थाना ने कहा कि फ़िल्म “चम्पारण सत्याग्रह” जैसी फिल्म बनाना उनके लिए चुनौती बन गया था। उन्होंने कहा कि फिल्म में भोजपुरी एवं हिन्दी फिल्मों के मशहूर कलाकारों ने जीवंत अभिनय किया है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में पहले असहयोग आंदोलन के रूप “चम्पारण सत्याग्रह’’ का नाम स्वर्णाक्षरों में उल्लेखित है। आज की युवा पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराने हेतु युवराज मीडिया एण्ड एंटरटेनमेंट द्वारा ’’चम्पारण सत्याग्रह’’ नाम से भव्य फीचर फिल्म बनायी गई है। फ़िल्म सम्पूर्ण विश्व में चम्पारण के अतीत के अनछुए पहलुओं से रूबरू कराएगी।
युवराज मीडिया एण्ड इन्टरटेनमेंट द्वारा कॉरपोरेट रूप में बन रही इस फ़िल्म में सुप्रसिद्ध गाँधीवादी ब्रजकिशोर सिंह लिखित “चम्पारण में बापू” एवं डा. राजेश अस्थाना द्वारा लिखित पुस्तक “चम्पारण सत्याग्रह गाथा” से संदर्भित है। युवा फ़िल्मकार ई. युवराज द्वारा निर्मित “चम्पारण सत्याग्रह” की परिकल्पना, कथानक, स्क्रिप्ट, संवाद, अभिनय एवं निर्देशन का जिम्मा राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त बिहार के चर्चित फिल्मकार डा. राजेश अस्थाना ने संभाला है।