काश, विहार सरकार भी ऐसा हीं कानून बनाती–सागर सूरज बिहार प्रदेश संयोजक भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ
मोतिहारी 7 सितंबर अशोक वर्मा पत्रकारों के हितों और अधिकारों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की निम्नलिखित घोषणाएं
भोपाल में आयोजित पत्रकार समागम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की बड़ी घोषणाएं
– बीमा कंपनी द्वारा इस साल प्रीमियम राशि में की गई 27% की वृद्धि की अतिरिक्त राशि अब राज्य सरकार भरेगी।भरेगी ।
– 65 वर्ष से अधिक आयु वाले पत्रकारों एवं उनकी पत्नी के बीमा का पूरा प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी।
– बीमा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 सितम्बर से बढ़ाकर *25 सितम्बर* हुई।
– पत्रकारों और उनके आश्रितों के उपचार हेतु मिलने वाली आर्थिकराशि में हुई वृद्धि ।
– सामान्य बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक सहायता राशि ₹20 हजार से बढ़ाकर की गई *₹ 40 हजार*
– गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक सहायता राशि *₹50 हजार से बढ़ाकर की ₹1 लाख*।
– प्रदेश के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों को प्रतिमाह दी जाने वाली *सम्मान निधि ₹10 हजार से बढ़कर हुई ₹20 हजार* ।
– सम्मान निधि प्राप्त करने वाले पत्रकार के निधन पर उनकी पत्नी को मिलेगी *एकमुश्त ₹8 लाख की सहायता राशि*
– भोपाल के मालवीय नगर में बनेगा पत्रकार भवन, स्टेट मीडिया सेंटर के रूप में किया जायेगा विकसित, पत्रकारों के लिए होंगी आधुनिक सुविधाएं।
– अधिमान्य पत्रकारों को आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना में *अधिकतम ऋण राशि 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख की जायेगी*।
– अधिमान्य पत्रकारों के बच्चों की शिक्षा के लिए *बैंक लोन पर 5 % ब्याज अनुदान 5 साल के लिए राज्य सरकार भरेगी*।
– छोटे शहरों एवं कस्बों के पत्रकारों को आवश्यकतानुसार भोपाल में डिजिटल तकनीकी प्रशिक्षण माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहयोग से दिलाया जाएगा। इसकी संपूर्ण व्यवस्था जनसंपर्क विभाग द्वारा की जायेगी।
– जिला स्तरों पर पत्रकारों की सोसायटी के लिए कॉलेनी हेतु जमीन आवंटन की व्यवस्था करने की दिशा में कार्य किया जायेगा।
– *पत्रकार सुरक्षा कानून के लिये एक कमेटी का गठन होगी जिसमें सीनियर पत्रकार होंगे, कमेटी के सुझाव के आधार पर यह कानून बनाया जाएगा।*
भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश संयोजक सागर सूरज ने बिहार सरकार से मांग की कि मध्य प्रदेश सरकार की तरह बिहार के पत्रकारों के लिए भी ऐसा हीं कानून बने जिससे अनिश्चयत और असुरक्षित जीवन यापन कर रहे पत्रकारों और उनके परिवार का जीवन संवर सके ।
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