अनूप नारायण सिंह
बिहार की मौजूदा राजनीति में आनंद मोहन पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है चर्चा उनकी रिहाई को लेकर है चर्चा उनके रिहाई के विरोध को लेकर है पर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आनंद मोहन और उनके परिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तक पहुंचाने और चेतन आनंद को शिवहर से टिकट दिलवाने तक में जिस व्यक्ति का सबसे बड़ा योगदान रहा उसका नाम है राजद के मौजूदा विधान पार्षद तथा पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार सिंह।किसी जमाने में राजनीतिक कारणों से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और आनंद मोहन के रिश्ते खटास में चले गए थे पर 2020 के विधानसभा चुनाव के पहले डॉ सुनील कुमार सिंह की पहल के बाद आनंद मोहन की पत्नी और पुत्र राजद में शामिल हुए लवली आनंद और चेतन आनंद को विधानसभा में टिकट मिला चेतन आनंद चुनाव जीतने में सफल हुए। विवादों से कोसों दूर रहने वाले डॉक्टर सुनील कुमार सिंह वर्तमान में राजद के अंदर सबसे बड़ा राजपूत चेहरा है। जो लालू परिवार के सबसे ज्यादा करीबी और भरोसेमंद है। डॉक्टर सुनील कुमार सिंह विवादों से दूर रहते हैं इनका व्यवहार सब को अपनी तरफ आकर्षित करता है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के सहकारी आंदोलन में बिहार का सबसे बड़ा चेहरा बने डॉक्टर सुनील कुमार सिंह राजद परिवार के संकटमोचक भी है जब कभी पार्टी और पार्टी सुप्रीमो के परिवार पर कोई संकट आता है तो ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं। मौजूदा महा गठबंधन सरकार में कई बार मंत्री पद के लिए भी इनकी नाम की चर्चा जोरों पर थी पर कभी भी किसी भी पब्लिक डोमेन में आकर डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने कोई इच्छा व्यक्त नहीं की कहा यह पार्टी के सिपाही है और पार्टी के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है पार्टी है तभी सभी का वजूद है। चर्चा 2024 के लोकसभा चुनाव में सारण से इनके राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर भी है। राजपूत यादव दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यक गठबंधन में लालू परिवार के किसी सदस्य के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में डॉक्टर सुनील कुमार सिंह का चेहरा चुनाव जिताऊ कंबीनेशन है। सोनपुर परसा अमनौर मरहौरा छपरा, गरखा सुरक्षित समेत से विधानसभा क्षेत्र में विस्तृत सारण लोकसभा का जातीय गणित यादव और राजपूत मतदाताओं की गोलबंदी पर ही टिका हुआ है। ऐसे में राजपूत समुदाय से आने वाले डॉक्टर सुनील कुमार सिंह सबसे लोकप्रिय तथा जातीय गोलबंदी के हिसाब से उपयुक्त प्रत्याशी सिद्ध हो सकते हैं। हालांकि सारण लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का सवाल पूछे जाने के बाद सुनील कुमार सिंह मुस्कुरा कर टाल देते हैं पर उनकी मुस्कुराहट में ही पार्टी सुप्रीमो की सहमति नजर आती है। राजद परिवार के अलावा विपक्ष के लोग भी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह की व्यवहार कुशलता के कायल है। बिहार विधान परिषद में इन्होंने सदस्य के रूप में कई विधायि प्रश्नों की चर्चा में अपनी क्षमता का परिचय दिया बात चाहे कृषि की हो सहकारिता की हो या किसी अन्य विषय की। बिहार की राजनीति को काफी करीब से जानने वाले लोग भी मानते हैं कि डॉक्टर सुनील कुमार सिंह मौजूदा दौर में राजद में सबसे बड़ा राजपूत चेहरा है और साथ ही साथ पार्टी के लिए उपयोगी भी। सहकारिता अभियान से जुड़े होने के कारण देश और विदेश की यात्राएं भी खूब करते हैं साथ ही साथ सोशल मीडिया पर बिहार के चर्चित लोगों में भी शुमार है जिनको सबसे ज्यादा सर्च किया जाता है। अपने भाइयों से अनबन होने के बाद बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी वर्षों से इन्हें ही अपना मुंहबोला भाई बनाकर राखी बांधती है। राखी बंधवाई के एवज में डॉक्टर सुनील कुमार सिंह लालू परिवार की ढाल बनकर सदैव खड़े रहते हैं। बिहार की राजनीति में पार्टी के प्रति समर्पण ईमानदारी कर्मठता के मामले में अब डॉक्टर सुनील कुमार सिंह की उपमा दी जाती है कि जो लोग राजनीति में आते हैं जल्द ही पद और कद को बढ़ा लेना चाहते हैं पर डॉक्टर सुनील कुमार सिंह जैसे लोग वर्षों से निस्वार्थ भावना से पार्टी की सेवा में लगे रहते हैं और सदैव चेहरे पर एक मुस्कान होती है।
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