- पुरुष नसबंदी व महिला बंध्याकरण के लिए जागरूक कर रहा है प्रचार वाहन
- सदर पीएचसी क्षेत्र के रुलाही पंचायत व मधुबनी घाट में हुआ जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का आयोजन
- जीवन में खुशहाली के लिए सही उम्र में करें विवाह
मोतिहारी। जिले में जनसंख्या स्थिरता पख़वाड़ा कार्यक्रम के तहत सारथी रथ के द्वारा पुरुषों को नसबंदी एवं महिलाओं को बंध्याकरण के लिए जागरूक किया जा रहा है। ताकि जिले की लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर काबू पाया जा सके। डीसीएम नंदन झा ने बताया कि जिले के सभी 27 प्रखंडों में परिवार नियोजन कार्यक्रम चल रहा है। जिसमें वार्ड सदस्य, मुखिया व अन्य जनप्रतिनिधि भी लोगों को जागरूक करने में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया जा रहा है। जगह जगह माइकिंग के द्वारा भी जागरूकता फैलाई जा रही है।ताकि लोग परिवार नियोजन हेतु आगे आ सकें।
जीवन में खुशहाली के लिए सही उम्र में करें विवाह-
मोतिहारी सदर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवन कुमार पासवान ने बताया कि सदर पीएचसी क्षेत्र के रुलाही पंचायत व मधुबनी घाट में सोमवार को जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओ को परिवार नियोजन के विषय में जागरूक करने के साथ ही स्थायी परिवार नियोजन के साधन की सामग्रियों का वितरण किया गया। वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक संध्या कुमारी ने बताया कि परिवार नियोजन के बारे में महिलाओं से खुलकर बात करना जरूरी है। उन्हें ये भी बताना जरूरी है कि आपके कितने बच्चे हों, और कब हों ,अगर आप बच्चे पैदा करने के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करना चाहते हैं तो अनेक साधन उपलब्ध हैं। उन्हें छोटा परिवार सुखी परिवार होता है ,ये समझना होगा। उन्होंने बताया कि परिवार की खुशहाली के लिए सही उम्र पर विवाह होना जरूरी है । तभी जच्चा- बच्चा सुरक्षित रहेगा। कम उम्र में विवाह होने पर असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण महिलाए मृत्यु की शिकार तक हो जाती हैं।
बंध्याकरण कराने पर दी जाती है प्रोत्साहन की राशि-
डीसीएम नंदन झा ने बताया कि सरकारी अस्पताल में निः शुल्क सुरक्षित प्रसव कराया जाता है।साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रुपए प्रोत्साहन के तौर पर दिए जाने का प्रावधान है। जबकि महिला बांध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए, सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन की राशि उनके खाते में भेजी जाती है।