वेक्टर के साथ जूनोटिक बीमारियों से बचाव क़ो लोगों क़ो किया गया जागरूक
मोतिहारी। एएनएम/जीएनएम संस्थान, सदर अस्पताल मोतिहारी में एसीएमओ जीडी तिवारी की अध्यक्षता में वर्ल्ड जूनोटिक दिवस मनाया गया। इस दौरान संस्थान की नर्सिंग छात्राओं व स्वास्थ्य कर्मीयों ने भाग लिया। मौके पर एसीएमओ जीडी तिवारी ने कहा की हर साल 6 जुलाई को दुनिया भर में विश्व ज़ूनोसिस दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है जो जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ज़्यादातर संक्रामक जानवरों से ही उत्पन्न होते हैं। वहीं महामारी पदाधिकारी डॉ राहुल राज ने कहा की यह दिवस लुई पाश्चर के सम्मान में मनाया जाता है। जिन्होंने 6 जुलाई 1885 को एक जूनोटिक रोग, रेबीज का पहला सफल टीका लगाया था। डीभीडीसीओ कंसलटेंट अभिषेक कुमार ने कहा की फाइलेरिया एक वेक्टर जनित रोग है, और कुछ मामलों में यह जूनोसिस भी हो सकता है। इसका मतलब है कि यह रोग जानवरों से मनुष्यों में फ़ैल सकता है। मुख्य रूप से, फाइलेरिया परजीवी मच्छरों द्वारा फैलता है, लेकिन कुछ मामलों में, ये परजीवी जानवरों से भी मनुष्यों में आ सकते हैं। उन्होंने कालाजार, फाइलेरिया व अन्य वेक्टर रोगों के बारे में सभी क़ो जागरूक किया।उन्होंने कहा की ज़ूनोसिस संक्रामक रोग हैं जो जानवरों और मनुष्यों के बीच स्थानांतरित हो सकते हैं, जैसे रेबीज, एंथ्रेक्स, इन्फ्लूएंजा निपाह, कोविड-19, ब्रुसेलोसिस और तपेदिक। संक्रमित कुत्ते के काटने से रेबीज। डॉ राहुल राज ने कहा की संक्रमित जानवरों की बूंदों के माध्यम से। जानवरों के संपर्क में आने के बाद बिना हाथ धोए अपनी आंख, नाक या मुंह को छूने से। ऐसी जगहों को छूना जहाँ संक्रमित जानवर रहते हैं या घूमते हैं, जैसे पिंजरे, चारागाह, मिट्टी, पानी। संक्रमित या अधपके मांस, अंडे, दूध, या दूषित उत्पादों का सेवन करने से। दूषित पानी पीने से। दूषित पानी के स्रोत (जैसे पोखर या नदियां) के संपर्क में आने या उसे पीने से होता है।इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए कुछ पाठ्येतर गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जैसे पोस्टर प्रस्तुतियाँ, निबंध प्रतियोगिताएँ और एएनएम और जीएनएम दोनों विद्यार्थियों के लिए भाषण प्रतियोगिता और विजेताओं को प्रमाण पत्र और ट्रॉफी दी गई।
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ जी डी तिवारी, महामारी पदाधिकारी, डॉ राहुल राज, संतोष तालिकोटी, प्राचार्य, एएनएम स्कूल मोतिहारी, प्रियंका सुमन भारती, प्राचार्या, जीएनएम इंस्टीट्यूट, महेश कुमार खोखर, सोनाली वत्स, पलक ज्योति, मैरीनीला सोरेन, मीना लाल, संजय कुमार, हेड क्लर्क और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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