आरबीएसके डीसी डॉ शशि मिश्रा को डीएम ने “नायिका पुरस्कार” से किया सम्मानित

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  •  बाल हृदय योजना और मूक बधिर बच्चों की पहचान व इलाज में पहले स्थान पर है पूर्वी चम्पारण 
  • इस उपलब्धि में डॉ शशि का योगदान महत्वपूर्ण, गर्भावस्था के दौरान गंभीर स्थिति में भी डटी रहीं 
मोतिहारी : जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला समन्वयक डॉ शशि मिश्रा को महिला दिवस के मौके पर महात्मा गाँधी प्रेक्षागृह में “नायिका पुरस्कार” से सम्मानित किया। डॉ शशि को यह पुरस्कार मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया। इस योजना में वर्ष 2024-25 में पूर्वी चम्पारण जिले को प्रथम स्थान मिला है।
आरबीएसके डीसी के पद पर डॉ शशि ने 1 अगस्त 2022 को योगदान किया था। उस समय उन्हें जिले के 43 चलन्त चिकित्सा दलों का नेतृत्व करना था। अपनी प्रेग्नेन्सी के दौरान भी वे आँगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी विद्यालयों में स्क्रीनिंग व सदर अस्पताल में मुस्तैदीपूर्वक कार्य में जुटी रहीं। ड्यूटी के दौरान वो चोटिल भी हो गईं। गंभीर चोट की वजह से प्रेग्नेंसी में कॉप्लीकेशन आयी। शरीर में इन्फेक्शन फैलने की वजह से दो बार सर्जरी हुई। स्थिति नौकरी छोड़ने तक की बनी। पर उनके पति विनीत मिश्रा ने खुद नौकरी छोड़ दी। उनकी नवजात बेटी की माँ की तरह का देखभाल उनकी छोटी बहन ने की।
परिवारजनों की सेवा के बाद डॉ शशि ने वापसी की और मातृत्व अवकाश के बाद 5 मार्च 2024 को जिला में अपना पदभार पद‌भार संभाला। इसी बीच 15 मार्च 2024 को जिले के 65 आयुष चिकित्सकों का स्थानांतरण दूसरे जिलों में हो गया। अब जिले के 40 चलन्त चिकित्सक दल, 27 ब्लॉक के लिए केवल 20 चिकित्सक शेष बचें! ऐसी परिस्थिति में अपनी कार्यकुशलता  एवं नेतृत्व की बदौलत उन्होंने अभी तक 115 दिल में छेद वाले 115 मरीजों की सफलतापूर्वक सर्जरी कराने में सहायक बनीं।
इसके साथ ही, मूक बधिर बच्चों की पहचान एवं इलाज में भी पूर्वी चम्पारण का स्थान टॉप पर रहा है। इस सम्बन्ध में जिले के सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव एवं डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने कहा कि डॉ शशि लगनशील, मेहनती और कार्यकुशल महिला हैं। वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाती हैं।
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