सूफी संगीत से मन को सुकून मिलती है : अभिनव आकर्ष।
अशोक वर्मा
मोतिहारी : सूफी गायक अभिनव आकर्ष का मानना है कि सूफी संगीत एकमात्र ऐसा माध्यम है जिसमें पूरी तरह पवित्रता है, पाकीजगी है। सूफी सृष्टि के कण-कण में विद्यमान संगीत को लयबद्ध करता है। मन को सुकून देता है। यह हमारे दिल को पवित्र बनाता है। वे केसरिया महोत्सव में कार्यक्रम में आए है।
मेरी नजर में सूफी संगीत के तीन स्टेप्स हैं। सूफी का प्रथम चरण अदृश्य शक्ति भगवान या खुदा की प्राप्ति करना है। सूफी का द्वितीय चरण प्रेम इश्क है जो भगवान और खुदा से भी ऊपर है। तीसरा स्टेज है बॉण्डिंग जिस बंदे को मैने देखा नहीं, उससे भी प्यार करना ही सूफीइज्म है। यह परमात्मा के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार करने का सहज और सरल माध्यम भी है। केसरिया महोत्सव के विशेष भेंट में यह बात कही।
पूरी तरह फ़क़ीरी अदा होना
उन्होंने कहा कि किसी भी बंदे के अंदर जब तक पूरी तरह फकीरी अदा नहीं होगी तब तक उसमें दर्द पैदा नहीं होगा। जब तक हृदय में पीड़ा न हो, तब तक ईश्वर प्रसन्न नहीं होते। । अच्छा गाना सभी गाते हैं। गाने वाले हर गली में मिल जाएंगे। मैं यह नहीं कहता कि मैं बेहतरीन गायक हूं, लेकिन इतना कह सकता हूं जो भी कुछ भी कर रहा हूं, वह फील कर प्रस्तुत कर रहा हूं।
नफरत का माहौल खत्म करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि दुनिया में जो एक दूसरे के धर्म के प्रति नफरत या हिकारत का माहौल है उसे खत्म करने की जरूरत है। ऐसे चक्रव्यूह से बाहर निकल कर ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जो सभी को सेलिबे्रट करता हो। चलता रहे सूफियाना सफर धार्मिक सहनशीलता इसमें है कि आपकी संस्कृति का कुछ हिस्सा मेरी संस्कृति में हो और मेरी संस्कृति धर्म का हिस्सा आपकी संस्कृति में हो। तभी हम सही मायने में धार्मिक सहनशीलता की मिसाल बनेंगे। वो उदाहरण हमारे सूफी म्यूजिक और हमारे भक्ति संगीत कबीर की वाणी में मिलता है। इसके लिए सूफियाना सफर हमेशा चलता रहना चाहिए।
“बिछड़े अभी तो हम बस कल परसो, जिऊंगी मैं कैसे, इस हाल में बरसो। मौत ना आई, तेरी याद क्यों आई, लंबी जुदाई। “……..
देश के ख्याति प्राप्त मंचों पर अपनी प्रस्तुति दे चुके युवा सूफी गायक अभिनव आकर्ष ने केसरिया महोत्सव के सांस्कृतिक संध्या के मंच पर जब इस गीत को गाया तो पंडाल में बैठे लोग संगीत की दरिया में गोता लगाने लगे। अभिनव ने अपने सूफी गायन की शुरुआत गणेश वंदना वक्र टुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ …से की। अभिनव की प्रस्तुति हमरा बुझात बा बबुआ डीएम होइहन ओहू से उपरा सीएम होइहन हो….. गाकर दर्शकों को खूब झुमाया। युवा सूफी गायक अभिनव की प्रस्तुति एक पांव की जूती…… गाकर खूब तालियां बटोरी। बाबा केसरनाथ खेले केसरिया में होली…… नामक होली गीत गाकर अभिनव ने अपनी गायिकी से फागुन माह का अहसास कराया। अभिनव द्वारा दी गई एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा।
