बिहार : शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर उच्च न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, शिक्षा मंत्री ने कहा पांचवें चरण के सक्षमता परीक्षा बाद होगी ट्रांसफर, किया जाएगा नीति में संशोधन

Live News 24x7
2 Min Read

Live News 24×7 के लिए कैलाश गुप्ता की रिपोर्ट।

बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। उच्च न्यायालय, पटना ने फिलहाल ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा।

गौरतलब हो कि पटना उच्च न्यायालय में ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति के खिलाफ औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से दायर याचिका संख्या-CWJC 17441/2024 की सुनवाई हुई जिसमें शिक्षकों की ओर से विद्वान अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार एवं सीनियर अधिवक्ता ललित किशोर ने पक्ष रखा।

वही बिहार में शिक्षक ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर रोक का शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने भी ऐलान कर दिया है। पटना उच्च न्यायालय ने राज्य में शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापना पर तत्काल रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि जरूरत पड़ी तो स्थानांतरण नीति में कुछ बदलाव भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी जो शिक्षक जहां हैं, वहीं रहेंगे। 5 चरण की सक्षमता परीक्षा के बाद उन शिक्षकों का स्थानांतरण होगा। उन्होंने कहा है कि स्थानांतरण नीति तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्थानांतरण नीति में कई व्यवहारिक दिक्कतें हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक संगठनों ने आकर विभाग को जो भी बातें बताईं हैं, विभाग भी इसे महसूस कर रहा है. फिलहाल शिक्षक अभी जिस विद्यालय में है, वहीं विशिष्ट शिक्षक के तौर पर योगदान करेंगे। पांच चरण की सक्षमता के बाद शिक्षकों का स्थानांतरण होगा।

दरअसल, जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापना पर तत्काल रोक लगाते हुए राज्य सरकार से तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

राज्य सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर 2024 तक वे अपना स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए विकल्प दे दें। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब वह स्वतः स्थगित हो जाएगा।

513
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *