गया। गया पूजा का अंतिम और आखिरी दिन ऊषा अर्घ्य होता है।इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ के व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उदित होते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद सूर्य भगवान और छठ मैया से संतान की रक्षा और परिवार की सुख-शांति की कामना करती हैं। इस पूजा के बाद व्रती कच्चे दूध, जल और प्रसाद से व्रत का पारण करती हैं। हजारों भगवान सूर्य उदयमान सूर्य की विभिन्न नदी तालाबों, नहरों छठ घाटों पर छठव्रतियों ने श्रध्दा भक्ति भावना और पूरे आस्था और निष्ठा के साथ लोक आस्था का महा पर्व छठ पूजा मनाएं तथा भगवान सूर्य को अर्घ्य दिए। गया के बिंदेश्वरी घाट,पितामेहेश्वर,सुर्य कुंड,केंदुई घाट, , सहित अन्य छठ घाटों पर छठव्रतियों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान किए हैं। चारों तरफ छठी मईया की गीत से गुंजायमान रहा है।छठ पूजा समिति सदस्यों ने छठव्रतियों के लिए सुविधाएं व्यवस्थाएं बनाए गए थे। प्रशासन बीडीओ अवतुल्य कुमार आर्य,सीओ मो अकबर हुसैन और थाना अध्यक्ष राजेश कुमार सुरक्षात्मक व्यवस्था में थे।
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