- सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने व शिशु के स्वास्थ्य हेतु नियमित टीकाकरण जरूरी
बेतिया : नियमित टीकाकरण का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु कार्यशाला का आयोजन सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार की अध्यक्षता में किया गया। इसके अंतर्गत सभी बच्चों को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में कैसे शामिल किया जाय ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जा सके, इसके ऊपर विचार-विमर्श किया गया। सीएस ने कहा कि नियमित टीकाकरण स्वस्थ राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जो गर्भवती महिलाओं और नवजात को पांच वर्षों तक नियमित रूप से दिया जाता है। शिशुओं को दिया जाने वाला टीका शिशुओं को कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसलिए नियमित रूप से बच्चों और नवजातों का टीकाकरण कराना जरूरी है।
डब्लूजेसीएफ के राज्य नियमित टीकाकरण प्रबंधक व जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा कार्यशाला का संचालन किया गया। उन्होंने छूटे हुए बच्चों के परिवार वालों को टीकाकरण कराने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए गहनता पूर्वक विचार विमर्श करने का परामर्श दिया। इस मौके पर एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा और डीआईओ डॉ अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि टीकाकरण बच्चों को डिप्थेरिया, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी, टेटनेस, पोलियो, टीबी व खसरा जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है। नियमित टीकाकरण के दौरान बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाते हैं।
इस मौके पर डीपीओ आईसीडीएस कविता कुमारी तथा मझौलिया ब्लॉक एवं भीतहा ब्लॉक के स्वास्थ्य पदाधिकारी, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी, जिला लेखा प्रबंधक, जिला महामारी पदाधिकारी एवं सहयोगी संस्था डब्ल्यू०एच०ओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, पीसीआई के जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
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