मोतिहारी। उद्योग विभाग द्वारा संचालित सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रगति की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कहा कि सरकार की योजनाओं को सफल बनाने में बैंकर्स बेहिचक आगे आएं और लोगों के साथ सपोर्टिंग व्यवहार अपनाते हुए ऋण स्वीकृति प्रदान करें ताकि रोजगार सृजन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उद्योग विभाग के पदाधिकारी एवं जिला के सभी बैंकर्स के साथ पूर्वी चंपारण समाहरणालय स्थित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सभा भवन में समीक्षा बैठक के साथ साथ ऋण वितरण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें अपर समाहर्ता,पूर्वी चंपारण, अनुमंडल पदाधिकारी सदर मोतिहारी, जिलाधिकारी के विशेष कार्य पदाधिकारी, महाप्रबंधक उद्योग केंद्र पूर्वी चंपारण एवं एलडीएम सहित सभी बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में उद्योग विभाग की योजनाओं यथा पीएमईजीपी , पीएमएफएमई एवं पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा की गई।
जिला महाप्रबंधक उद्योग ने बताया कि पीएमईजीपी योजना में इस वित्तीय वर्ष में कुल 603 का लक्ष्य प्राप्त है जिसके विरुद्ध 835 आवेदन विभिन्न बैंको को अग्रसारित किये गये हैं जिसमें विभिन्न बैंको द्वारा 216 आवेदन स्वीकृत करते हुए 39 आवेदको को ऋण वितरित किये गये हैं।
पीएमएफएमइ योजना में इस वित्तीय वर्ष में कुल 440 के लक्ष्य के विरूद्ध 709 आवेदन विभिन्न बैंको को अग्रसारित किये गये हैं जिसमें विभिन्न बैंको द्वारा 135 आवेदन स्वीकृती दी गई है एवं 60 आवेदको को वितरित किये गये हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना में इस वित्तीय वर्ष में कुल 3676 आवेदन जिलास्तरीय समिति द्वारा अग्रसारित किया गया है।
इस ऋण शिविर में PMEGP में 63 आवेदन विभिन्न बैंको द्वारा स्वीकृत तथा 18 आवेदको को ऋण वितरित किए गए जिसकी राशि 263.78 लाख रूपये तथा 79 लाख रूपये है। PMFME योजना में 24 आवेदन विभिन्न बैंको द्वारा स्वीकृत तथा 03 आवेदको को ऋण वितरित किए गए जिसकी राशि 91.45 लाख रूपये तथा 12 लाख रूपये है। इसके अतिरिक्त पी एम विश्वकर्मा योजना में 4 आवेदन स्वीकृत किया गया जिसकी राशि 4 लाख रूपये है।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी द्वारा कहा गया कि बैंको लक्ष्य का मासिक रूप से संगणना करते हुए अक्टूबर 2024 तक अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लें। सभी बैंको के प्रतिनिधि को निदेश दिया गया कि जिस बैंक शाखा का लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है ,वे सरकार की योजनाओं की उपलब्धियों को प्राथमिकता दें। वित्तीय वर्ष के अंतिम समय में ऋण स्वीकृत करने की प्रवृति से बचना चाहिए ताकि ससमय सब्सिडी का लाभ मिल सके।
जिलाधिकारी के द्वारा P.M. Vishwakarma योजना में द्वितीय स्तर पर जॉच हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया गया । इस संबंध निदेश दिया गया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी आवेदकों की जाँच कर प्रतिदिन महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, को जॉच प्रतिवेदन दें ताकि उसे पर ससमय कार्रवाई की जा सके।
बैठक में एलडीएम के द्वारा बताया गया कि जिला में 2765000 खाता खोले गए हैं जिसमें 23 34000 का आधार सीडिंग कर दिया गया है। खाता खोलने और आधार सीडिंग करने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है।
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