बिहार में बड़े स्वरूप में अधिकारियों का तबादला हुआ है ।उन लोगों के कार्यकाल में कितने नये फाइल बने और कितनों का निष्पादन हुआ इसके लिए उन्हें अतिरिक्त एक माह का समय देकर के ही नई जगह पर पोस्टिंग होनी चाहिए क्योंकि बहुत सारे मामले पेडिग रह जाते हैं ।उक्त बाते माले नेता अच्युतानंद पटेल ने कही।उन्होने बताया कि नये अधिकारी पोस्टिंग के बाद एक साल तक तो कहते हैं कि अभी हमको यहा समझने में थोड़ा समय लगेगा और दूसरे साल जब समझते हैं तब तक उनका तबादला हो जाता है। कुछ समस्याये ऐसी होती हैं जिनका समाधान करके ही उनको जाना चाहिये।ज्वाइनिंग के बाद अपने कार्यकाल में ये आश्वासन देते हैं कि हमारी प्राथमिकता में इस तरह के कार्य है। जैसे कि गांव से लेकर शहर तक का अतिक्रमण ,झूठे मुकदमे थाना में दर्ज कराना, अनू जाति एक्ट का दुरुपयोग करना, राजस्व रेकॉर्ड की चोरी आदि जितने भी नये शिकायत इनके कार्यकाल मे आते है उन सभी का निष्पादन होना चाहिए। जनता दरबार में जितने भी आवेदन पड़े उसमें कितने आवेदनों का निष्पादन हुआ?ऐसे ऐसे और भी कई मामले हैं जिन पर क्लियर होकर इन लोगों का हस्तांतरण करना चाहिए ताकि जो नए अधिकारी आवे उन्हें एक बरस का समय समझने में व्यर्थ नहीं जाया करना पडे और वे आते ही नये मामलो पर कार्य आरंभ कर दे।
