गया।जनता दल यूनाइटेड,बिहार के प्रदेश सचिव सह संगठन प्रभारी डॉ. चन्दन कुमार यादव, बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलकर भगवान विष्णुपद चिन्ह एवं अंगवस्त्र दे कर सम्मानित करते हुए पावन होली की बधाई एवं शुभकामनाएं दिया, साथ हीं डॉ. यादव ने बिहार के विभिन्न विश्विद्यालयों के वर्तमान वस्तुस्थिति, वहाँ कार्यरत अधिकारियों के क्रियाकलापों से महामहिम राज्यपाल को अवगत करवाया है।
डॉ.यादव ने कहा कि बिहार का यह स्वर्णिम संयोग है कि एक सकारात्मक व्यक्तित्व बिहार को राज्यपाल के रूप में मिला है, जिनके व्यवहार कुशलता और व्यक्तिगत प्रयास से सीमित संसाधनों के बावजूद भी बिहार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अन्य राज्यों के अपेक्षा तुलनात्मक आगे बढ़ रहा है ।
डॉ. यादव ने राज्यपाल को मगध विश्विद्यालय, बोधगया के कई अधिकारियों के क्रियाकलापों से भी अवगत करवाते हुए कहा है कि राजभवन और सरकार सकारात्मक प्रयास के साथ उच्च शिक्षा को सुदृढ़ करने में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।मगर आये दिन अधिकारियों के मनमानी व्यवहार और गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण छात्र-छात्राओं के साथ-साथ विश्विद्यालय और कॉलेज कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है ।
छात्र-छात्राओं में अपने भविष्य को लेकर चिंता है, उनके नामांकन, परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम में विलंब होना, परीक्षा शुल्क के साथ हीं डिग्री शुल्क जमा होने के बावजूद डिग्री के लिए सालों इन्तेजार करना और समय पर डिग्री नहीं मिलना यह सब बड़ी और चिंताजनक विषयों से भी महामहिम राज्यपाल को डॉ. यादव ने अवगत करवाया है ।
डॉ. यादव ने को अवगत करवाते हुए आग्रह किया है कि बिहार में 2005 से लोकप्रिय मुख्यमंत्री आदरणीय नीतीश कुमार ने बिहार का बागडोर संभाला, तब से अभी तक उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिवर्ष शिक्षा के बजट में करोड़ों रुपए का बढ़ावा कर रही है, सरकार का शुरुआती दिनों से हीं संकल्प रहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को उसका पुराना गौरव लौटाया जाए, नालंदा विश्विद्यालय, पाटलिपुत्र विश्विद्यालय, आर्यभट्ट विज्ञान विश्विद्यालय जैसे कई विश्वविद्यालयों के निर्माण उस संकल्प का जीवंत उदाहरण है । मगर कुछ अधिकारियों के नकारात्मक व्यवहार के साथ मनमानी और गैरजिम्मेदाराना रवैया के वजह से छात्र-छात्राओं के कल्याण एवं विश्विद्यालय के विकास की योजनाएं क्रियान्वित नहीं हो पा रही है साथ हीं छात्र-छात्राओं को मूलभूत जरूरत के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है।
डॉ. यादव ने महामहिम से आग्रह किया है कि सभी विषय छात्र कल्याण एवं विश्विद्यालय से जुड़ा है और ऐसे में संबंधित अधिकारियों को विश्वविद्यालय से बाहर हीं रखना विश्विद्यालय और छात्र-छात्राओं के लिए हितकर होगा।
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