मोतिहारी। समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन सभागार में जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के द्वारा जिला के सभी अंचल अधिकारियों के साथ बैठक कर राजस्व संबंधी मामले-भू मापी, दाखिल-खारिज, परिमार्जन, एलपीसी, जमाबंदी अपडेशन, आधार सीडिंग,लोक भूमि डायरेक्टरी,वंशावली शिविर प्राप्त आवेदनों के निष्पादन, अभियान बसेरा एवं न्यायालय से जुड़े मामलों की समीक्षा की गई। बैठक में अपर समाहर्ता श्री मुकेश कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
भू माफी की समीक्षा में पाया गया कि जिला में कुल इसके लिए 1197 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से 648 आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया है, 223 मामले प्रक्रियाधीन है, पांच मामले न्यायालय में लंबित है।समीक्षा में पाया गया कि अरेराज आंचल में सबसे अधिक 103 भू माफी का आवेदन प्राप्त हुए और सभी 103 का निष्पादन कर दिया गया है।उसी प्रकार घोड़ासहन में कुल 101 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 51 का निष्पादन किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि भू-मापी के प्राप्त आवेदनों का यथाशीघ्र मापी कराकर उसका निष्पादन किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
म्यूटेशन से संबंधित मामलों की समीक्षा में पाया गया कि जिला में निष्पादन का दर 95 प्रतिशत है। इसमें भी अरेराज अंचल प्रथम स्थान बनाकर 97% म्यूटेशन के मामले को निष्पादित किया है, वहीं घोड़ासहन 96.7% म्यूटेशन के मामले निष्पादित किए गए हैं। सबसे कम निष्पादन कोटवा का पाया गया जहां का औसत 90.03% रहा। इस पर जिलाधिकारी ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसमें सुधार लाने का निर्देश दिया।
परिमार्जन से संबंधित प्रतिवेदन की समीक्षा में 98.02 प्रतिशत उपलब्धि पाई गई जिसमें मोतिहारी, मेहसी, छौरादानो तथा अरेराज में शत-प्रतिशत परिमार्जन की उपलब्धि प्राप्त की गई है।
लैंड पोजेशन सर्टिफिकेट (एलपीसी) की समीक्षा में पाया गया कि इसके लिए कुल 50170आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 49389 का निष्पादन कर दिया गया है।
इस प्रकार एलपीसी के मामले में निष्पादन दर 98.44 प्रतिशत रहा है।
अपर समाहर्ता के द्वारा बताया गया कि जिले के अधिकांश अंचल अधिकारी नए हैं और पहली बार अंचलाधिकारी का कार्य कर रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी के द्वारा सभी अंचलाधिकारियों को कुछ सामान्य निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी पदाधिकारी मोबाइल पर सक्रिय रहेंगे और पब्लिक कॉल जरुर उठाएंगे और पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। सभी पदाधिकारी से बायोमैट्रिक अटेंडेंस निश्चित रूप से बनाने का निर्देश दिया गया और यह भी कहा गया कि जिन्होंने अभी तक बायोमेट्रिक पंजीकरण नहीं कराया है, एक से दो दिनों में इसे कर लें। जिलाधिकारी ने कहा कि बिना सक्षम स्तर के स्वीकृति के कोई भी पदाधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे और छुट्टी स्वीकृत होने के बाद अपने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अपर समाहर्ता पूर्वी चंपारण को इसकी सूचना जरूर देंगे।
सभी पदाधिकारी को अपने कार्यालय को स्वच्छ रखने एवं नियमित रूप से अपने अधीनस्थ कर्मियों के साथ उनके कार्यों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि आप सभी नए हैं, जिला स्तर पर भी आप लोगों को प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी परंतु इसके पहले आप सभी अंचलाधिकारी अपने-अपने ऑफिस का खुद से इंस्पेक्शन करें और इंस्पेक्शन नोट संबंधित एसडीओ/ डीसीएलआर के कार्यालय को भेजते हुए अपर समाहर्ता के कार्यालय एवं जिला गोपनीय शाखा में जरूर भेजें। इंस्पेक्शन करते समय कार्यालय में जो कुछ भी पेंडेंसी है या कमी है उसकी सूची भी बना लेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित डीसीएलआर अथवा एसडीओ में से कोई एक पदाधिकारी आपके कार्यालय का प्रतिमाह निरीक्षण करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक शनिवार को थाना के साथ समन्वय स्थापित कर भूमि विवादों की सुनवाई के लिए थानों पर कैंप करें और मामलों को गंभीरता से लेते हुए उसका गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करायें।
भू माफी की समीक्षा में पाया गया कि जिला में कुल इसके लिए 1197 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से 648 आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया है, 223 मामले प्रक्रियाधीन है, पांच मामले न्यायालय में लंबित है।समीक्षा में पाया गया कि अरेराज आंचल में सबसे अधिक 103 भू माफी का आवेदन प्राप्त हुए और सभी 103 का निष्पादन कर दिया गया है।उसी प्रकार घोड़ासहन में कुल 101 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 51 का निष्पादन किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि भू-मापी के प्राप्त आवेदनों का यथाशीघ्र मापी कराकर उसका निष्पादन किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
म्यूटेशन से संबंधित मामलों की समीक्षा में पाया गया कि जिला में निष्पादन का दर 95 प्रतिशत है। इसमें भी अरेराज अंचल प्रथम स्थान बनाकर 97% म्यूटेशन के मामले को निष्पादित किया है, वहीं घोड़ासहन 96.7% म्यूटेशन के मामले निष्पादित किए गए हैं। सबसे कम निष्पादन कोटवा का पाया गया जहां का औसत 90.03% रहा। इस पर जिलाधिकारी ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसमें सुधार लाने का निर्देश दिया।
परिमार्जन से संबंधित प्रतिवेदन की समीक्षा में 98.02 प्रतिशत उपलब्धि पाई गई जिसमें मोतिहारी, मेहसी, छौरादानो तथा अरेराज में शत-प्रतिशत परिमार्जन की उपलब्धि प्राप्त की गई है।
लैंड पोजेशन सर्टिफिकेट (एलपीसी) की समीक्षा में पाया गया कि इसके लिए कुल 50170आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 49389 का निष्पादन कर दिया गया है।
इस प्रकार एलपीसी के मामले में निष्पादन दर 98.44 प्रतिशत रहा है।
अपर समाहर्ता के द्वारा बताया गया कि जिले के अधिकांश अंचल अधिकारी नए हैं और पहली बार अंचलाधिकारी का कार्य कर रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी के द्वारा सभी अंचलाधिकारियों को कुछ सामान्य निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी पदाधिकारी मोबाइल पर सक्रिय रहेंगे और पब्लिक कॉल जरुर उठाएंगे और पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। सभी पदाधिकारी से बायोमैट्रिक अटेंडेंस निश्चित रूप से बनाने का निर्देश दिया गया और यह भी कहा गया कि जिन्होंने अभी तक बायोमेट्रिक पंजीकरण नहीं कराया है, एक से दो दिनों में इसे कर लें। जिलाधिकारी ने कहा कि बिना सक्षम स्तर के स्वीकृति के कोई भी पदाधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे और छुट्टी स्वीकृत होने के बाद अपने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अपर समाहर्ता पूर्वी चंपारण को इसकी सूचना जरूर देंगे।
सभी पदाधिकारी को अपने कार्यालय को स्वच्छ रखने एवं नियमित रूप से अपने अधीनस्थ कर्मियों के साथ उनके कार्यों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि आप सभी नए हैं, जिला स्तर पर भी आप लोगों को प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी परंतु इसके पहले आप सभी अंचलाधिकारी अपने-अपने ऑफिस का खुद से इंस्पेक्शन करें और इंस्पेक्शन नोट संबंधित एसडीओ/ डीसीएलआर के कार्यालय को भेजते हुए अपर समाहर्ता के कार्यालय एवं जिला गोपनीय शाखा में जरूर भेजें। इंस्पेक्शन करते समय कार्यालय में जो कुछ भी पेंडेंसी है या कमी है उसकी सूची भी बना लेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित डीसीएलआर अथवा एसडीओ में से कोई एक पदाधिकारी आपके कार्यालय का प्रतिमाह निरीक्षण करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक शनिवार को थाना के साथ समन्वय स्थापित कर भूमि विवादों की सुनवाई के लिए थानों पर कैंप करें और मामलों को गंभीरता से लेते हुए उसका गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करायें।