- फाइलेरिया पर मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन
- जिले की 57 लाख से ज्यादा की आबादी खाएगी दवा
मुजफ्फरपुर। फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है। इसके उन्मूलन के लिए पूरे देश में एक साथ 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा। जिस तरह हम पोलियो से उन्मूलित हुए उसी तरह फाइलेरिया से भी मुक्ति पा सकते हैं, बस हमें लगातार तीन साल तक अभियान के तहत मिलने वाली आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल की गोली को खानी है। ये बातें जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने जिला स्वास्थ्य समिति और सीफार (सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च) की ओर से आयोजित मीडिया उन्मुखीकरण के दौरान कहीं। कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी ने बैलून छोड़कर व चार जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखा कर की। वहीं एएनएम की छात्राओं की रैली समाहरणालय से होकर सदर अस्पताल पहुंची। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान आशा, आंगनबाड़ी, जीविका और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से पूरे जिले में करीब 57 लाख से ज्यादा लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें कुल 2594 टीम कार्य करेगी। हर लक्षित व्यक्ति दवा खाए, इस बात का विशेष सहयोग जिले वासियों से चाहिए। दवाओं के बारे में उपजे भ्रम से डरने की कोई जरूरत नहीं है। यह दवा बिल्कुल सुरक्षित है।
सरकारी अस्पतालों में लगेंगे कैंप:
उन्मुखीकरण की शुरुआत करते हुए डीपीएम रेहान अशरफ ने बताया कि मीडिया चाहे तो इस अभियान को घर-घर तक पहुंचा सकती है। वहीं फाइलेरिया के संबंध में जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया किसी को भी हो सकता हे। स्वस्थ दिखने वाले व्यक्तियों में भी माइक्रोफाइलेरिया के कृमि हो सकते हैं। इसलिए दो साल से ऊपर के हर व्यक्ति को यह दवा ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के सामने खानी है। जिन्हें दवा घर पर नहीं मिले वह सदर अस्पताल या अपने प्रखंड स्तर के पीएचसी में जाकर दवा खा सकते हैं। ऐसे अस्पतालों में 17 दिन कैंप लगेगें। वहीं 14 दिन घर घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी। खाली पेट यह दवा किसी को नहीं खानी है।
चमकी पर हुई चर्चा:
जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने चमकी पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी जीरो डेथ के संकल्प पर काम किया जाएगा। जागरूकता के हर संभव प्रयास किए जाए। वहीं गांव पर जाकर संध्याकालीन चर्चा की भी शुरुआत जल्द की जाए। बुखार रखने पर जल्द ही सरकारी अस्पताल जाएं। उन्मुखीकरण के दौरान ए डी एम, सिविल सर्जन डॉ ज्ञान शंकर, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, डीपीएम रेहान अशरफ, डीपीआरओ दिनेश कुमार, डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर माधुरी देवराजु, किरण फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की नेटवर्क मेंबर की अबधा खातून, देवनारायण प्रसाद, पीरामल, पीसीआई, सीफार के प्रतिनिधि सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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